बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर मचे राजनीतिक घमासान के बीच भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने गुरुवार (24 जुलाई, 2025) को SIR के तहत नए आंकड़े जारी किए हैं. इसके साथ चुनाव आयोग ने SIR के महत्व और उद्देश्य को लेकर भी बयान दिया है. भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने कहा कि बिहार में वोटर SIR का उद्देश्य है कि कोई भी योग्य मतदाता न छूटे.चुनाव आयोग ने बिहार एसआईआर के तहत नए आंकड़ों को जारी करते हुए कहा कि अब तक 99 प्रतिशत मतदाताओं का सत्यापन किया जा चुका है. बूथ स्तरीय अधिकारियों (BLO) और राजनीतिक दलों की ओर से नियुक्त बूथ स्तरीय एजेंटों की रिपोर्ट के मुताबिक,6 लाख मतदाता ऐसे पाए हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है.5 लाख ऐसे मतदाताओं के नाम रिपोर्ट किए गए हैं, जो स्थायी रूप से किसी दूसरे जगह स्थानांतरित हो चुके हैं.7 लाख मतदाता ऐसे पाए गए हैं, जो एक से अधिक जगहों पर रजिस्टर्ड हैं.इसके अलावा, स्थानीय बीएलओ और बीएलए की रिपोर्ट के मुताबिक, 1 लाख मतदाता ऐसे हैं, जिनका पता नहीं लगाया जा सका है. ऐसे में कहा जा सकता है कि 1 अगस्त को तैयार होने वाले ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल में 61.1 लाख से ज्यादा लोगों के नाम काट दिए जाएंगे.कम से कम 7 लाख मतदाताओं के फॉर्म नहीं हुए प्राप्तचुनाव आयोग ने कहा, “हालांकि, एसआईआर के तहत बीएलओ और बीएलए की ओर से मतदाताओं के घर-घर जाकर संपर्क किया जा रहा है, फिर भी कम से कम 7 लाख मतदाताओं के फॉर्म अभी तक हमें प्राप्त नहीं हुए हैं.”7.21 करोड़ फॉर्म हो चुके डिजिटाइजECI ने कहा, “बिहार में कुल मतदाता संख्या के 91.32 प्रतिशत यानी 7.21 करोड़ मतदाताओं के फॉर्म हमें प्राप्त हो चुके हैं और उन्हें डिजिटाइज कर दिया गया है. जिन लोगों के फॉर्म डिजिटाइज हो चुके हैं, उन सभी लोगों के नाम 1 अगस्त को प्रकाशित होने वाले ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल में शामिल किए जाएंगे. इसके अलावा, बाकी बचे फॉर्म्स को भी BLO/BLA की रिपोर्टों के साथ डिजिटाइज किया जा रहा है ताकि किसी भी तरह के दावे और आपत्ति जताने पर उनका सत्यापन किया जा सके.”यह भी पढ़ेंः बिहार वोटर लिस्ट में नहीं है नाम तो न हों परेशान, चुनाव आयोग देगा एक और मौका, 1 महीने का मिलेगा वक्त