पूछताछ में हर्षवर्धन ने स्वीकार किया कि उसने यह सब कुछ चंद्रास्वामी के करीबी एहसान अली सैयद के कहने पर किया था. एहसान अली हैदराबाद का रहने वाला है, उसने Turkish नागरिकता भी ले रखी है. लंदन में रहते हुए एहसान ने हर्षवर्धन की मदद से कई फर्जी शेल कंपनियां बनाई थीं, जिनका इस्तेमाल हवाला और फ्रॉड के लिए किया जाता था.