अमित शाह ने नई सहकारिता नीति पेश की:कहा- विकसित भारत की अवधारणा मजबूत होगी, रोजगार के नए अवसर बनेंगे

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नई दिल्ली के अटल अक्षय ऊर्जा भवन में गृहमंत्री अमित शाह ने नई सहकारिता नीति पेश की। उन्होंने कहा कि इससे विकसित भारत की अवधारणा मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि यह पॉलिसी भारत की जरूरतों और विकास को ध्यान में रखकर बनाई गई है। सहकारिता यानी मिलकर काम करने की सोच को वही सरकार सही मायने में समझ सकती है जो देश की जमीन से जुड़ी हो। शाह ने आगे कहा, 'अगर गांव, किसान और आम लोग खुशहाल, रोजगार से जुड़े और संतुष्ट होंगे, तो देश की अर्थव्यवस्था कभी कमजोर नहीं होगी।' उन्होंने बताया कि इस नई नीति का मकसद है। सहकारी संस्थाओं को मजबूत करना, गांवों को आत्मनिर्भर बनाना और लोगों को नए रोजगार देना। साथ ही उन्होंने सभी राज्यों को 31 जनवरी 2026 तक अपनी-अपनी राज्य सहकारिता नीति तैयार करने का निर्देश दिया। यह नीति अगले 20 साल यानी 2045 तक के लिए बनाई गई है। इसके तहत हर पंचायत में समितियां खुलेंगी। पॉलिसी का मकसद है कि गांव-गांव में बनी सहकारी समितियों को और मजबूत किया जाए, जिससे लोग खुद जुड़कर रोजगार पा सकें और देश की तरक्की में हिस्सा ले सकें। देश के हर गांव में सहकारी संस्थाएं स्थापित की जाएंगी। फरवरी 2026 तक 2 लाख प्राइमरी एग्रीकल्चरल क्रेडिट सोसाइटीज (PACS) स्थापित किए जाएंगे। सहकारिता नीति के लिए 48 सदस्यों की कमेटी बनाई गई थी पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु की अध्यक्षता में एक 48 सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी, जिसमें देशभर की सहकारी संस्थाओं, केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारी और जानकार लोग शामिल थे। कमेटी ने अहमदाबाद, बेंगलुरु, गुरुग्राम और पटना जैसे शहरों में 17 बैठकें और 4 वर्कशॉप कीं। इसमें देशभर से आए 648 सुझावों को ध्यान से समझकर इस नीति में शामिल किया गया। दरअसल, सरकार चाहती है कि गांव, किसान और छोटे व्यापारी आपस में मिलकर आगे बढ़ें। इसी के लिए यह नीति बनाई गई है, जो अगले 20 सालों तक सहकारिता के जरिए लोगों को आत्मनिर्भर और देश को विकसित बनाने में मदद करेगी। किसानों की स्थिति में 5 बड़े बदलाव होंगे क्यों जरूरी है नई नीति?सहकारिता नीति आखिरी बार साल 2002 में बनाई गई थी, लेकिन तब से अब तक दुनिया, तकनीक और देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव आ चुका है। आज का दौर डिजिटल हो गया है, किसान नई-नई चुनौतियों से जूझ रहे हैं और गांवों में रोजगार की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा महसूस की जा रही है। कई जगहों पर सहकारी संस्थाएं अपनी भूमिका निभाने में पीछे रह गईं, इसलिए अब एक ऐसी मॉर्डन और प्रोफेशनल नीति की जरूरत थी, जो उन्हें गांवों की आर्थिक रीढ़ बना सके। ----------------------------------------- शाह से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... शाह बोले- आतंकवाद के खिलाफ मजबूत इकोसिस्टम, आतंकियों की उम्र पहले से घटी, PM के जीरो टॉलरेंस नारे को दुनिया ने अपनाया केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दो -दिवसीय आतंकवाद विरोधी सम्मेलन-2024 का इनॉगरेशन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 10 सालों में आतंकवाद के खिलाफ कदम उठाए है। इससे आतंकवाद से लड़ने के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम तैयार हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी के आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नारे को केवल भारत ने ही नहीं पूरी दुनिया ने अपनाया है। पूरी खबर पढ़ें...