जरूरत की खबर- मानसून में क्यों बढ़ता जॉइंट पेन:7 मुख्य कारण, किन लोगों को रिस्क ज्यादा, डॉक्टर से जानें बचाव व सावधानियां

Wait 5 sec.

मानसून की फुहारें जहां एक ओर मौसम को सुहाना बना देती हैं, वहीं दूसरी ओर यह अपने साथ कुछ स्वास्थ्य समस्याएं भी लेकर आती हैं। इस मौसम में बढ़ी हुई नमी के कारण वायरल और बैक्टीरियल इन्फेक्शन का खतरा तो रहता ही है। साथ ही जिन लोगों को गठिया, जॉइंट पेन या हड्डियों से जुड़ी कोई बीमारी है, उनके लिए यह मौसम ज्यादा दर्दनाक हो सकता है। 'रिसर्च गेट' में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, वातावरण में नमी, वायुदाब और हवा की रफ्तार जैसे फैक्टर जॉइंट पेन को बढ़ा सकते हैं। हालांकि सभी लोगों पर इसका प्रभाव एक जैसा नहीं होता है। ‘द जर्नल ऑफ रुमेटोलॉजी’ में पब्लिश एक अन्य स्टडी भी बताती है कि कम तापमान और ज्यादा नमी कुछ लोगों में जॉइंट पेन की समस्या को बढ़ा सकते हैं। इसमें उम्र और स्वास्थ्य जैसे कारकों की भूमिका अहम होती है। हालांकि कुछ जरूरी सावधानियों और घरेलू उपायों की मदद से मानसून में होने वाले जॉइंट पेन से काफी हद तक राहत मिल सकती है। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में हम मानसून के दौरान होने वाले जॉइंट पेन के बारे में विस्तार से बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. पलाश गुप्ता, ऑर्थोपेडिक सर्जन, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट, दिल्ली सवाल- मानसून के दौरान जॉइंट पेन बढ़ने के मुख्य कारण क्या हैं? जवाब- बरसात के मौसम में बढ़ी हुई नमी (ह्यूमिडिटी), तापमान में उतार-चढ़ाव और वायुदाब (एटमॉस्फेरिक प्रेशर) में बदलाव शरीर को खासतौर पर जोड़ों को प्रभावित करते हैं। इसका असर उन लोगों पर ज्यादा होता है, जो पहले से अर्थराइटिस, पुराने जोड़ों के दर्द या हड्डियों की पुरानी चोट से पीड़ित हैं। नीचे दिए ग्राफिक से मानसून में जॉइंट पेन बढ़ने के मुख्य कारणों को समझिए- सवाल- मानसून में जॉइंट पेन के साथ कौन-कौन से लक्षण आमतौर पर देखने को मिलते हैं? जवाब- इस दौरान तापमान में उतार-चढ़ाव और ज्यादा नमी के कारण जॉइंट पेन के साथ कुछ अन्य लक्षण भी देखने को मिलते हैं। खासकर उन लोगों में जो पहले से गठिया या पुराने जोड़ों के दर्द से जूझ रहे होते हैं। जैसेकि- सवाल- मानसून में किन लोगों को जॉइंट पेन का खतरा ज्यादा होता है? जवाब- इस मौसम में कुछ लोगों को जॉइंट पेन का रिस्क ज्यादा होता है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- मानसून में जॉइंट पेन से राहत पाने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? जवाब- कुछ आसान आदतों और सावधानियों को अपनाकर मानसून में होने वाले जॉइंट पेन से काफी हद तक राहत पाया जा सकता है। इसे नीचे दिए गए ग्राफिक से समझिए- सवाल- क्या फिजियोथेरेपी से मानसून में होने वाले जॉइंट पेन से राहत मिल सकती है? जवाब- ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. पलाश गुप्ता बताते हैं कि हां, फिजियोथेरेपी से मानसून में होने वाले जॉइंट पेन को कम किया जा सकता है। इसमें पेन रिलीफ टेक्निक, मसल स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज और जॉइंट मोबिलाइजेशन जैसी थेरेपीज शामिल होती हैं, जो सूजन कम करने और मूवमेंट बेहतर करने में मदद करती हैं। सवाल- क्या कोई घरेलू उपाय जॉइंट पेन से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं? जवाब- हां, कुछ आसान घरेलू उपायों से जॉइंट पेन से काफी हद तक राहत मिल सकती है। जैसेकि- सवाल- किस कंडीशन में डॉक्टर को दिखाना जरूरी होता है? जवाब- अगर दर्द लगातार बना रहे, सूजन बहुत बढ़ जाए या चलने में दिक्कत हो तो फिजियोथेरेपिस्ट या ऑर्थोपेडिक से सलाह जरूर लें। ध्यान रखें शुरुआती इलाज से बड़ी समस्याओं से बचा जा सकता है। .................... जरूरत की ये खबर भी पढ़िए जरूरत की खबर- सुबह के समय गले में रहती खराश: बारिश में बढ़ती समस्या, सुबह उठकर करें ये पांच काम, बरतें 10 जरूरी सावधानियां मानसून में सुबह सोकर उठने पर गले में खराश सी लगती है। इसके कारण सुबह कुछ भी खाना-पीना अजीब सा लगता है। गले में हल्का दर्द भी महसूस होता है। जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड डायग्नोस्टिक रिसर्च के मुताबिक, मानसून में गले में इन्फेक्शन के मामले बढ़ जाते हैं। पूरी खबर पढ़िए...