बारिश के बाद भी घर में नहीं घुसेंगे सांप, इन चीजों को लगाया तो मिलेगी राहत

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मानसून का मौसम हरियाली और ठंडक के साथ-साथ कई खतरे भी लेकर आता है. इन्ही खतरों में से एक घरों और बाग-बगीचों में सांप का घुसना है. नम मिट्टी और घनी झाड़ियाें के चलते सांप अक्सर इंसानी बस्तियों की ओर आ जाते हैं. जिससे बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा पर खतरा मंडराने लगता है. हालांकि इससे आपको डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि आज हम आपको कुछ ऐसे आसान और कम खर्चीले घरेलू उपाय बताएंगे, जिससे बारिश के बाद भी सांप घर में नहीं घुसेंगे. नेफ्तालिन की टिकिया नेफ्तालिन की गोलियों को पीसकर इसमें थोड़ा पानी मिलाकर पेस्ट बना लें. इसके बाद इसे घर की खिड़कियों, दरवाजे, आंगन और गार्डन की क्यारियों में छिड़कें. इसकी तीखी गंध सांपों को ना पसंद होती है. जिससे इसे छिड़कने के बाद सांप आपके घरों या गार्डन में नहीं आएंगे.अमोनिया स्प्रे दो-तीन चम्मच घरेलू अमोनिया को 1 से 2 कप पानी में मिलाकर आप स्प्रे बोतल में भर लें. इसे खासकर दरवाजाें और पौधे के आसपास छिड़कें. जिससे इसकी तेज गंध सांपों को आपके घर और दरवाजाें से दूर रखती है. लौंग और दालचीनी का तेललौंग और दालचीनी के तेल की दो दो चम्मच मात्रा को तीन कप पानी में मिलाएं. इसके बाद इसे गार्डन और घर के बाहर हिस्सों में छिड़क दें. यह न सिर्फ सांपों को भगता है बल्कि कीड़े मकोड़े से भी बचाव करता है. लहसुन और प्याज का तेल लहसुन या फिर प्याज के तेल को पानी में मिलाकर खिड़की और दरवाजों के आसपास लगाएं. जिससे इसके तीखी गंध सांपों को दूर रखने में कारगर होती है.देसी तरीका भी है कारगर घरों और बगीचों से सांपों को दूर रखने के लिए गांव में अभी भी कुछ परंपरागत तरीके अपनाए जाते हैं, जो कम लागत में कभी काफी असरदार होते हैं. गांव में घरों से सांपों को दूर रखने के लिए घर के मेन गेट पर पुराने टायर के टुकड़े या कटी हुए प्लास्टिक की बोतल रख देते हैं जिन पर सांप फिसलते हैं. इसके अलावा नीम की पत्तियों को पीस कर आंगन और गमले में रख देते हैं. इसकी गंध आंखों को ना पसंद होती है जिससे सांप घर में नहीं आते हैं. वहीं सरसों के बीज को घर के चारों ओर छिड़क देते हैं. यह भी सांपों को भगाने में मदद करते हैं.वहीं मानसून के मौसम में सांप आना आम बात होती है. ऐसे में अगर कोई बड़ा या जहरीला सांप आपको आपके घर के आसपास में नजर आए तो उसे खुद निपटने की कोशिश न करें. वहीं तुरंत किसी विशेषज्ञ या लोकल स्नेक कैचर से संपर्क करें ताकि किसी तरह की जानलेवा स्थिति से बचा जा सके.ये भी पढ़ें- भारत के वो उपराष्ट्रपति, जिन्होंने तय किया राष्ट्रपति पद तक का सफर...एक तो कांग्रेस अध्यक्ष भी रहे