क्या है अपाचे हेलिकॉप्टर की कीमत? 1 मिनट में इतने टारगेट हो जाते हैं लॉक; जानिए कौन-कौन से देश करते हैं इस्तेमाल

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भारतीय सेना की ताकत में इजाफा हो गया है. दुनिया के सबसे घातक हमलावर हेलिकॉप्टर में से एक अपाचे AH-64E भारतीय सेना के बेड़े में शामिल हुआ है, जिसे अमेरिकी कंपनी बोइंग ने तैयार किया है. आइए जानते हैं इसकी कीमत, इसकी अनोखी तकनीकी क्षमताएं और इसे इस्तेमाल करने वाले देशों के बारे में.अपाचे हेलिकॉप्टर की कीमतअपाचे AH-64E हेलिकॉप्टर, जिसे 'उड़ता हुआ टैंक' भी कहा जाता है, एक अत्याधुनिक युद्धक हेलिकॉप्टर है. भारत ने 2020 में अमेरिका के साथ 600 मिलियन डॉलर (लगभग 5,000 करोड़ रुपये) के सौदे के तहत 6 अपाचे हेलिकॉप्टर खरीदे थे. इस सौदे की पहली खेप यानी तीन हेलिकॉप्टर 22 जुलाई 2025 को भारत पहुंच चुके हैं और इन्हें जोधपुर में तैनात किया जाएगा. बता दें कि भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही अपाचे हेलीकॉप्टर हैं और अब थलसेना के पास भी ये अपाचे हेलीकॉप्टर होंगे. एक अपाचे हेलीकॉप्टर की कीमत 860 करोड़ रुपये बताई जा रही है. कितने टारगेट लॉक करने की क्षमताअपाचे हेलिकॉप्टर की सबसे बड़ी खासियत है इसका एडवांस्ड टारगेट एक्विजिशन सिस्टम और पायलट नाइट विजन सेंसर (PNVS). यह हेलिकॉप्टर एक मिनट में 128 टारगेट्स को लॉक कर सकता है और 16 अलग-अलग लक्ष्यों पर एक साथ हमला करने में सक्षम है. यह लॉन्गबो रडार और जॉइंट टैक्टिकल इंफॉर्मेशन डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (JTIDS) जैसे उच्च गुणवत्ता वाले रडार और संचार प्रणाली से लैस हैं. यह दिन-रात, हर मौसम में सटीक हमले कर सकता है, जिससे यह युद्धक्षेत्र में गेम-चेंजर साबित होता है.हथियारों की ताकतअपाचे में 30 मिमी M230 चेन गन लगी है, जो प्रति मिनट 625 राउंड फायर कर सकती है. इसके अलावा, यह AGM-114 हेलफायर मिसाइल्स, हाइड्रा-70 रॉकेट्स, और लेजर-गाइडेड मिसाइल्स से लैस है, जो टैंक, बख्तरबंद वाहनों और बंकरों को नष्ट करने में सक्षम हैं. इसकी अधिकतम गति 280-365 किमी/घंटा है, और यह लगभग 480-500 किमी की रेंज के साथ 3.5 घंटे तक उड़ान भर सकता है.कौन-कौन से देश करते हैं इस्तेमाल?अपाचे हेलिकॉप्टर का उपयोग अमेरिका की सेना द्वारा सबसे ज्यादा किया जाता है, जिसके पास 2700 से अधिक अपाचे हैं. इसके अलावा, यह इजराइल, ब्रिटेन, मिस्र, नीदरलैंड, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, जापान, दक्षिण कोरिया, ग्रीस, और कुवैत जैसे देशों की सेनाओं में शामिल है. भारत में वायुसेना के पास पहले से ही 22 अपाचे हेलिकॉप्टर हैं, जो पठानकोट और जोरहाट में तैनात हैं, और अब थलसेना के लिए 6 हेलिकॉप्टर जोधपुर में तैनात होंगे, खासकर पाकिस्तान सीमा पर.भारत के लिए महत्व22 जुलाई 2025 को जोधपुर में इन हेलिकॉप्टरों को औपचारिक रूप से थलसेना में शामिल कर लिया गया. ये हेलिकॉप्टर ऑपरेशन सिंदूर जैसे मिशनों में पश्चिमी सीमा पर भारत की मारक क्षमता को कई गुना बढ़ाएंगे. इनके नाइट विजन सिस्टम और एडवांस्ड सेंसर सेना को रात के अंधेरे और जटिल युद्धक्षेत्रों में भी सटीक हमले की ताकत देंगे.इसे भी पढ़ें-लैब में बने हीरे सस्ते और दिखने में टॉप क्लास, फिर भी खदानों से क्यों निकाले जा रहे डायमंड?