अगर देश की राष्ट्रपति बीच में ही दे दें इस्तीफा तो वह किसे सौंपेंगी अपना त्याग पत्र? इस नियम के बारे में जानते हैं आप

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जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से स्तीफा देकर सभी को चौंका दिया है. उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंप दिया है लेकिन अगर राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा देना हो तो वो अपना त्यागपत्र किसे सौंपता है. इस सवाल का जवाब हम आपको बताते हैं. राष्ट्रपति का पद देश का सर्वोच्च संवैधानिक पद है. देश के राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 साल का होता है, लेकिन क्या हो अगर कार्यकाल पूरा होने से पहले ही राष्ट्रपति इस्तीफा देना चाहता हो? तो संविधान में क्या हैं इसके लिए नियम?. राष्ट्रपति अपना इस्तीफा किसे सौंपता है? राष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद कौन उस पद की जिम्मेदारी संभालता है? आइये जानते हैं. राष्ट्रपति अपना इस्तीफा किसे सौंपता है?भारतीय संविधान के अनुसार, यदि भारत का राष्ट्रपति अपने पद से इस्तीफा देना चाहता है, तो वह अपना त्यागपत्र उपराष्ट्रपति को संबोधित करके सौंपता है. यह प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 56(1)(a) में लिखित है. राष्ट्रपति अपने हस्ताक्षर के साथ लिखित रूप में उपराष्ट्रपति को इस्तीफा देता है. इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन करता है जब तक कि नया राष्ट्रपति निर्वाचित नहीं हो जाता. कब होता है दूसरा चुनाव?उदाहरण के लिए, 1969 में राष्ट्रपति जाकिर हुसैन के निधन के बाद उपराष्ट्रपति वी.वी. गिरी ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में जिम्मेदारी संभाली थी. संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति का पद छह महीने से अधिक समय तक खाली नहीं रह सकता इसलिए नए राष्ट्रपति का चुनाव जल्द से जल्द कराया जाता है.  यदि उपराष्ट्रपति भी ना हो तोयदि उपराष्ट्रपति भी उपलब्ध न हो तो ऐसी स्थिति में देश के मुख्य न्यायाधीश या वरिष्ठतम सुप्रीम कोर्ट जज को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया जा सकता है. उदाहरण के लिए यदि वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी  मुर्मू इस्तीफा दें और उपराष्ट्रपति का पद रिक्त होने के कारण CJI (वर्तमान में CJI संजीव खन्ना) को पत्र सौंपा जाएगा और नया चुनाव छह महीने के भीतर होगा.इसे भी पढ़ें-भारत के वो उपराष्ट्रपति, जिन्होंने तय किया राष्ट्रपति पद तक का सफर...एक तो कांग्रेस अध्यक्ष भी रहे