देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा सोमवार (21 जुलाई, 2025) को अचानक दिए गए इस्तीफे को अब आधिकारिक मंजूरी मिल गई है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. जल्द ही इस संबंध में राजपत्र (गजट) अधिसूचना जारी की जाएगी.धनखड़ ने सोमवार देर शाम स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को भेजा था।.उन्होंने पत्र में लिखा था कि वे चिकित्सकीय सलाह और अपनी सेहत को प्राथमिकता देते हुए तत्काल प्रभाव से उपराष्ट्रपति पद छोड़ रहे हैं. उनके इस फैसले ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, क्योंकि उनका कार्यकाल अगस्त 2027 तक था.नए उपराष्ट्रपति की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया जल्दअब राष्ट्रपति द्वारा इस्तीफा स्वीकार किए जाने के बाद संविधानिक प्रक्रिया के तहत राज्यसभा के सभापति का पद रिक्त हो गया है और नए उपराष्ट्रपति की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकती है. संबंधित विभाग द्वारा जल्द ही गजट अधिसूचना (Gazette Notification) जारी की जाएगी, जिसमें इस्तीफा स्वीकृत किए जाने की आधिकारिक जानकारी दी जाएगी. यह भारत के इतिहास में तीसरा मौका है जब कोई उपराष्ट्रपति कार्यकाल पूरा होने से पहले पद छोड़ रहा है. इससे पहले वीवी गिरि और कृष्णकांत भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके थे. 2027 तक था कार्यकालधनखड़ का कार्यकाल अगस्त 2027 तक था, यानी उनके पास अभी दो साल से अधिक समय बाकी था. ऐसे में अचानक इस्तीफे ने कई तरह की अटकलों को जन्म दिया. उन्होंने अपने त्यागपत्र में स्वास्थ्य कारणों का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रिमंडल के प्रति आभार व्यक्त किया.एनडीए सरकार ने बनाया राष्ट्रपति उम्मीदवारपीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने साल 2022 में जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया था. 6 अगस्त को हुए चुनाव में उन्होंने विपक्ष की प्रत्याशी मार्गरेट अल्वा को भारी अंतर से पराजित किया. धनखड़ को कुल 528 वोट मिले, जबकि अल्वा को केवल 182 वोट हासिल हुए. इसके बाद 10 अगस्त 2022 को उन्होंने भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली.ये भी पढ़ें-क्या BJP अध्यक्ष से हुआ जगदीप धनखड़ का टकराव? उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर JP नड्डा ने दे दिया जवाब, बोले- 'वो चेयर के लिए नहीं था'