भारत न होता तो हमारी इकोनॉमी बर्बाद हो जाती:मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति नशीद बोले- PM मोदी की यात्रा से देश में भारतीय टूरिस्ट बढ़ेंगे

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मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने कहा है कि अगर भारत नहीं होता तो हमारी इकोनॉमी बर्बाद हो जाती। न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए नशीद ने बताया कि उनके देश की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि अगर भारत ने समय पर मदद न की होती, तो मालदीव दिवालिया (डिफॉल्ट) हो गया होता। 2022-23 में पर्यटन ठप होने से मालदीव गहरे आर्थिक संकट में चला गया था। उस पर विदेशी कर्ज बढ़ गया था और डॉलर की भारी कमी थी। भारत ने अनाज-ईंधन सप्लाई और क्रेडिट लाइन देकर मालदीव को डिफॉल्ट होने से बचाया था। नशीद का यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मालदीव दौरे के ठीक पहले आया है। पीएम मोदी 25 और 26 जुलाई को मालदीव के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि को तौर पर शामिल होंगे। अब मालदीव इंडिया फर्स्ट पॉलिसी पर आया ANI से बात करते हुए नशीद ने कहा कि मालदीव की विदेश नीति हमेशा इंडिया फर्स्ट की रही है। नशीद ने माना कि चुनावों के चलते मालदीव की नीति चीन की ओर झुक जाती है, लेकिन अब ऐसा नहीं है। नशीद कहा कि मालदीव की पूरी राजनीति इंडिया फर्स्ट पॉलिसी पर आ गई है। उनके मुताबिक भारत भी मालदीव को महत्व देता है। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा इस बात का सबूत है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा सिर्फ संबंधों को मजबूती देने के साथ-साथ विकास के नए रास्ते भी खोलेगी। भारत की आर्थिक वृद्धि की तारीफ करते हुए नशीद ने कहा कि भारत की तरक्की पड़ोसी देशों को भी साथ लेकर चलती है। उन्होंने कहा कि भारत की नेबरहुड फर्स्ट नीति से मालदीव को भी बड़ी आर्थिक संभावनाएं मिली हैं। इससे भारतीय पर्यटकों की संख्या में तेजी से बढ़ी है। 'भारत और मालदीव में नया ट्रेड एग्रीमेंट होना चाहिए' नशीद ने सुझाव दिया कि भारत और मालदीव के बीच एक ट्रेड एग्रीमेंट होना चाहिए। इससे मालदीव, भारत में स्थायी तौर पर ज्यादा मछली बेच पाएगा। नशीद के मुताबिक मालदीव की मछली की भारत में भारी मांग है। अगर दोनों देशों के बीच ट्रेड एग्रीमेंट होता है तो यह दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगा। उन्होंने कहा कि इससे लॉजिस्टिक्स, शिपिंग और सस्टेनेबल मरीन डेवलपमेंट जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ेगा। नशीद ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से भारतीय पर्यटकों की संख्या में और वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि भारतीय मदद से बन रहा हनीमाडू एयरपोर्ट अब लगभग तैयार है और यह दक्षिण भारत के कई शहरों से महज एक घंटे की दूरी पर होगा।