हर महिला के लिए प्रेग्नेंसी का अनुभव बहुत खास होता है, लेकिन क्या हो जब कोई महिला गर्भवती हो और उसे पता भी ना चले? है ना हैरान करने वाली बात. जी हां दुनिया में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिसमें महिला को गर्भवती होने का पता ही नहीं चला या उसे बहुत देर बाद गर्भवती होने का एहसास होता है. इसे सीक्रेट प्रेग्नेंसी या क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी भी कहते हैं. यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिला के गर्भवती होने के कोई लक्षण नहीं दिखते, जिसे लेकर ये सवाल उठने लगा है कि आखिर इसका कारण क्या है. तो चलिए इसे समझते हैं.क्या है क्रिप्टिक प्रेग्नेंसीआम तौर पर महिलाओं को 4 से 12 हफ्तों में प्रेग्नेंसी का एहसास हो जाता है, लेकिन सीक्रेट प्रेग्नेंसी में महिला को गर्भवती होने का कोई एहसास नहीं होता, कभी-कभी प्रसव पीड़ा शुरू होने तक किसी महिला को पता भी नहीं चलता कि वह गर्भवती है. दरअसल, सीक्रेट प्रेग्नेंसी सामान्य गर्भावस्था से अलग होती है क्योंकि इसमें गर्भावस्था के आम लक्षण (जैसे मासिक धर्म का रुकना, पेट का बढ़ना, या गर्भावस्था टेस्ट में पॉजिटिव परिणाम) बहुत हल्के हो सकते हैं, अनुपस्थित हो सकते हैं, या आसानी से नजरअंदाज हो सकते हैं. क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी के कारणक्रिप्टिक या सीक्रेट प्रेग्नेंसी के वैसे तो कई कारण हो सकते हैं, लेकिन सबसे बड़ा कारण पीसीओडी या पीसीओएस की बीमारी हो सकती है. ऐसी महिलाओं को पीरिएड्स रेगुलर नहीं होते या दो से तीन महीने देरी से होते हैं. इस परिस्थिति में ऐसी महिलाएं इसे आम समस्या समझकर इग्नोर कर देती हैं. कुछ महिलाओं में HCG (human chorionic gonadotropin) हार्मोन का स्तर कम होता है, जो गर्भावस्था टेस्ट को प्रभावित करता है. इसके चलते महिला को पता नहीं चल पाता कि वो प्रेग्नेंट है क्योंकि टेस्ट तो निगेटिव रहता है. कभी-कभी 40 की उम्र के बाद महिलाओं में मेनोपॉज के लक्षण शुरू हो जाते हैं ऐसी स्थिति में महिलाएं संशय में रहती हैं कि इस उम्र में गर्भावस्था संभव नहीं लेकिन गर्भ धारण कर लेती हैं. इसे भी पढ़ें-कोमा में जाने के बाद शरीर में क्या-क्या होता है? जानिए इस स्थिति में कैसे चला जाता है इंसान