पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ इस्तीफा देने के लिए अचानक राष्ट्रपति भवन पहुंच गए थे. उन्होंने इसको लेकर पहले से किसी को सूचना नहीं दी थी. धनखड़ के अचानक राष्ट्रपति भवन पहुंचने के बाद खलबली मच गई थी. उन्होंने संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत में ही इस्तीफे की घोषणा कर दी थी. धनखड़ ने सोमवार (21 जुलाई) को ऐलान कर दिया था. उनके इस्तीफे को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चा है. कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि धनखड़ और सरकार के रिश्ते खराब हो गए थे.दरअसल राष्ट्रपति से मुलाकात के लिए पहले से अपॉइंटमेंट लेना होता है. मुलाकात से पहले आधिकारिक तौर पर सूचना देनी होती है, लेकिन धनखड़ ने ऐसा नहीं किया. वे करीब रात 9 बजे राष्ट्रपति भवन पहुंचे. धनखड़ को देखकर राष्ट्रपति भवन का स्टाफ भी चौंक गया. उन्हें लगा कि वे अचानक बिना सूचना के क्यों आए हैं. आमतौर पर राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की मुलाकात का समय पहले से ही तय होता है और इसकी जानकारी स्टाफ को भी होती है.प्रोटोकॉल तोड़कर राष्ट्रपति से मिलने पहुंचे धनखड़धनखड़ प्रोटोकॉल तोड़कर अचानक राष्ट्रपति भवन पहुंचे. उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात के दौरान संविधान के मुताबिक इस्तीफा सौंप दिया. इसके बाद करीब रात 9.25 बजे जनता को बता दिया गया कि उपराष्ट्रपति ने इस्तीफा दे दिया है.धनखड़ को लेकर चिदंबरम का बड़ा दावाकांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने धनखड़ को लेकर बड़ा दिया किया. 'इंडिया टुडे' की एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि धनखड़ ने अपनी सीमा को पार कर लिया था. सरकार का उन पर से भरोसा उठ गया था. चिदंबरम ने कहा कि इसी वजह से धनखड़ को इस्तीफा देना.उपराष्ट्रपति एन्क्लेव को छोड़ेंगे धनखड़धनखड़ पिछले साल अप्रैल में संसद भवन परिसर के पास चर्च रोड पर उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में शिप्ट हो गए थे. उपराष्ट्रपति के आवास और कार्यालय वाले एन्क्लेव का निर्माण सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना के तहत किया गया था. धनखड़ को लगभग 15 महीने उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में रहने के बाद उसे छोड़ना होगा.