भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने खराब हेल्थ का हवाला देते हुए यह फैसला लिया और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंप दिया. उन्होंने इस्तीफे में साफ लिखा कि वे अब अपनी हेल्थ पर ध्यान देना चाहते हैं, इसलिए वे तुरंत प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं. उनकी दिल्ली एम्स में कुछ समय पहले एंजियोप्लास्टी हुई थी और तभी से वे अस्वस्थ चल रहे थे. ऐसे में उन्होंने आगे कोई जोखिम न लेते हुए इस्तीफा दे दिया है.उपराष्ट्रपति धनखड़ का कार्यकाल अगस्त 2027 तक था, लेकिन उन्होंने जुलाई 2025 में, यानी लगभग 3 साल बाद ही पद छोड़ दिया है. इसके बावजूद बतौर पूर्व उपराष्ट्रपति उन्हें कुछ खास सुविधाएं मिलती रहेंगी. तो चलिए जानते हैं कि इस्तीफा देने के बाद भी जगदीप धनखड़ कैसी लग्जरी लाइफ जिएंगे और पूर्व उपराष्ट्रपति को कितनी सुविधाएं मिलती हैं.पद छोड़ने के बाद क्या मिलेंगी सुविधाएं?जगदीप धनखड़ अब देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद पर नहीं हैं, लेकिन बतौर पूर्व उपराष्ट्रपति, उन्हें कई खास सुविधाएं मिलती रहेंगी.1. पेंशन - उपराष्ट्रपति की सैलरी 4 लाख प्रति माह होती है. वहीं अब पद छोड़ने के बाद उन्हें इसका लगभग 50 से 60 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगा यानी हर महीने उन्हें करीब 2 से 2.5 लाख की पेंशन मिल सकती है. यह इस बात पर निर्भर करेगा कि सरकार किस तरह पेंशन तय करती है क्योंकि उन्होंने करीब 3 साल का कार्यकाल पूरा किया है.2. मुफ्त इलाज की सुविधा - इस्तीफा देने के बाद भी जगदीप धनखड़ को और उनके परिवार को सरकारी हॉस्पिटल में मुफ्त इलाज मिलेगा. वहीं उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया है, यह सुविधा उनके लिए बहुत अहम साबित होगी.3. फ्री यात्रा - इस्तीफा देने के बाद भी जगदीप धनखड़ को ट्रेन और हवाई जहाज में सफर करने के लिए विशेष छूट या मुफ्त टिकट मिल सकती है.4. सरकारी आवास या भत्ता - इस्तीफा देने के बाद भी जगदीप धनखड़ लग्जरी लाइफ जिएंगे और बतौर पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को रहने के लिए सरकारी मकान या आवास भत्ता दिया जा सकता है. यह उनकी जरूरत और स्थिति पर निर्भर करता है.5. सुरक्षा सुविधा - इस्तीफा देने के बाद जगदीप धनखड़ को अगर जरूरत हो तो सुरक्षा गार्ड और स्टाफ भी सरकार की तरफ से मिल सकता है.इस्तीफा देने के बाद अब आगे क्या होगा?धनखड़ के इस्तीफे के बाद यह पद खाली हो गया है. जब तक नया उपराष्ट्रपति नहीं चुना जाता, तब तक राज्यसभा का काम उपसभापति या राष्ट्रपति द्वारा चुने गए किसी सदस्य के जरिए संभाला जाएगा. नए उपराष्ट्रपति का चुनाव संविधान के अनुच्छेद 66 के अनुसार होता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों के सदस्य वोट डालते हैं. यह चुनाव आनुपातिक प्रणाली और एकल संक्रमणीय मत के आधार पर होता है. वहीं नए नया उपराष्ट्रपति बनने के लिए उम्मीदवार भारतीय नागरिक होना चाहिए, उम्र कम से कम 35 साल होनी चाहिए, वह व्यक्ति राज्यसभा सदस्य बनने के लिए योग्य होना चाहिए और वह किसी भी लाभ के सरकारी पद पर नहीं होना चाहिए. इसके साथ ही धनखड़ ऐसे तीसरे उपराष्ट्रपति बन गए हैं जिन्होंने कार्यकाल पूरा होने से पहले पद छोड़ा है. धनखड़ से पहले भी दो उपराष्ट्रपति वी.वी. गिरि और आर. वेंकटरमन ने कार्यकाल पूरा होने से पहले पद छोड़ा था, लेकिन दोनों ही बाद में राष्ट्रपति चुने गए, जबकि धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से पद छोड़ा है. यह भी पढ़े : कार्यकाल खत्म होने से पहले पद छोड़ने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति बने धनखड़, जानें इससे पहले कब-कब हुआ ऐसा