भारतीय थलसेना को अब अपाचे AH-64E लड़ाकू हेलीकॉप्टर की पहली खेप मिल चुकी है, जिसे राजस्थान के जोधपुर एयरबेस पर तैनात किया गया है. इससे पहले ये हेलीकॉप्टर केवल भारतीय वायुसेना के पास थे. अब थलसेना को इन शक्तिशाली हेलीकॉप्टरों की तैनाती से पश्चिमी सीमाओं पर तेजतर्रार प्रतिक्रिया करने की क्षमता हासिल हुई है.इन हेलीकॉप्टरों की तैनाती भारत की सामरिक रणनीति को बदलने की क्षमता रखती है. यह फैसला इस बात को रेखांकित करता है कि भारतीय सेना अब मल्टी-डोमेन ऑपरेशनों की ओर बढ़ रही है, जहां थलसेना और वायुसेना के बीच तालमेल बेहद महत्वपूर्ण है.एडवांस्ड सेंसर और नाइट विजन सिस्टम से लैसअपाचे हेलीकॉप्टर की सबसे बड़ी खूबी, इसका एडवांस्ड सेंसर सिस्टम है. इसमें नाइट विजन और थर्मल इमेजिंग सेंसर लगे हैं, जो रात के अंधेरे और खराब मौसम में भी दुश्मन को सटीकता से पहचान सकते हैं. इसका Target Acquisition System और Pilot Night Vision Sensor (PNVS) पायलट को कम विजिबिलिटी में भी सटीक हमले की क्षमता देता है.रडार और संचार सिस्टमयह हेलीकॉप्टर AN/APG-78 Longbow रडार और Joint Tactical Information Distribution System (JTIDS) से लैस है, जो इसे नेटवर्क-सेंट्रिक वॉरफेयर में उपयोगी बनाता है. साथ ही यह CDL और Ku Frequency Band पर डेटा ट्रांसफर करने में भी सक्षम है.अपाचे की वेपन सिस्टम मल्टी-टारगेट हमलों में क्षमताअपाचे में लगे हथियार इसे किसी भी युद्धभूमि में बेहद खतरनाक बनाते हैं, जो इस प्रकार है:AGM-114 Hellfire Missile: टैंक और बख्तरबंद वाहनों को नष्ट करने में सक्षम.Hydra 70 Rockets: 70mm के अनगाइडेड रॉकेट, जमीनी ठिकानों पर हमला.Stinger Missiles: हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें.Spike NLOS Missiles: 25+ किमी तक टारगेट को निशाना बना सकती हैं.यह हेलीकॉप्टर एक मिनट में 128 टारगेट को लॉक कर 16 अलग-अलग लक्ष्यों पर हमला कर सकता है. इसकी मल्टी-टारगेट इन्वॉल्वमेंट क्षमता इसे भीड़ वाले युद्धक्षेत्र में बेहद उपयोगी बनाती है.उड़ान संबंधी क्षमताएंअपाचे हेलीकॉप्टर की अधिकतम गति 280 से 365 किमी/घंटा तक होती है. इसके साथ ही यह एक बार में 3.5 घंटे तक उड़ान भर सकता है और ऑपरेशनल रेंज 500 किमी तक जाती है (बाहरी फ्यूल टैंक के साथ और भी अधिक). इसका मतलब है कि यह लंबी दूरी तक गश्त और हमले कर सकता है.ड्रोन नियंत्रण और नेटवर्क-सपोर्टेड वॉरफेयरअपाचे हेलीकॉप्टर MQ-1C ग्रे ईगल जैसे ड्रोन को कंट्रोल कर सकता है, जिससे एक नया युग शुरू होता है मानव-मशीन टीमिंग (MUM-T) का. इसके सेंसर और रडार सिस्टम से यह टोही मिशनों में भी दक्ष है.मल्टी डोमेन कोऑर्डिनेशनइस हेलीकॉप्टर का डिजाइन इसे मल्टी-डोमेन ऑपरेशंस के लिए आदर्श बनाता है. यह ग्राउंड स्ट्राइक, एयर डिफेंस और रिकॉन मिशन में एक साथ काम कर सकता है.दो पायलटों की क्षमता और बख्तरबंदीइस हेलीकॉप्टर को दो पायलटों के लिए डिजाइन किया गया है, एक उड़ान संचालन के लिए और दूसरा हथियार नियंत्रण के लिए. इसका खाली वजन 6,838 किलोग्राम और अधिकतम टेक-ऑफ वजन 10,433 किग्रा है. इसे छोटे हथियारों, बुलेट्स और बैलिस्टिक मिसाइलों से सुरक्षा देने के लिए भी आर्मर से लैस किया गया है.ये भी पढ़ें: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर पीएम मोदी की पहली प्रतिक्रिया, कहा - 'कई भूमिकाओं में...'