भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार (21 जुलाई, 2025) शाम अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंपा और कहा कि वह तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं. इस फैसले के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई है, वहीं अन्य नेताओं ने इस्तीफे पर सवाल उठाए हैं.शशि थरूर ने जताई चिंताकांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मंगलवार (22 जुलाई,2025) को उपराष्ट्रपति धनखड़ के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, 'हम उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं. यह बहुत दुखद है कि उन्हें अचानक स्वास्थ्य संबंधी समस्या हुई. हम उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं.'विपक्षी दलों ने जताई आपत्तिविपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस पार्टी ने धनखड़ के इस्तीफे को सिर्फ स्वास्थ्य कारणों तक सीमित मानने से इनकार किया है. कई नेताओं ने उनसे अपना फैसला वापस लेने की अपील की है.मल्लू रवि बोले- 'यह राजनीतिक बीमारी है'कांग्रेस सांसद मल्लू रवि ने कहा कि धनखड़ ने राज्यसभा की कार्यवाही दो दिन तक बिना किसी परेशानी के चलाई थी. उन्होंने कहा, 'उनका इस्तीफा पत्र कहता है कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है, लेकिन हमें लगता है कि यह शारीरिक नहीं, बल्कि राजनीतिक बीमारी है.'कांग्रेस ने पीएम मोदी से भी की अपीलकांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वे धनखड़ को अपना फैसला बदलने के लिए मनाएं. जयराम रमेश ने कहा, 'उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति का अचानक इस्तीफा चौंकाने वाला और अजीब है. इसमें जरूर कुछ ऐसा है जो दिखाई नहीं दे रहा.'तय थी बैठकों की रूपरेखा, फिर क्यों इस्तीफा?जयराम रमेश ने यह भी बताया कि धनखड़ ने अगले दिन के लिए बिजनेस एडवाइजरी कमिटी की बैठक तय की थी और न्यायपालिका से जुड़े कुछ अहम ऐलान भी करने वाले थे. उन्होंने कहा कि यह सब दिखाता है कि इस्तीफा वास्तव में अचानक और अजीब है. कांग्रेस ने यह भी कहा कि यदि धनखड़ अपने पद पर बने रहते हैं तो इससे किसानों को राहत महसूस होगी. पार्टी ने एक बार फिर से अपील की कि वह अपना फैसला बदलें.