सऊदी अरब की पहली महिला प्रोफेसर बनीं डॉ. अबीर अल ओबैदी, बनीं अंतरराष्ट्रीय कानून की प्रोफेसर

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सऊदी अरब की एक और बेटी ने इतिहास रच दिया है. डॉ. अबीर बिन्त हसन अल ओबैदी ने अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकार के क्षेत्र में प्रोफेसर की उपाधि हासिल करके देश की पहली महिला बनने का गौरव प्राप्त किया है. यह उपलब्धि सिर्फ शिक्षा का प्रमाण नहीं, बल्कि सऊदी महिलाओं की बदलती तस्वीर और ताकतवर भविष्य की झलक भी है.डॉ. अबीर ने अमेरिका के प्रसिद्ध एमोरी लॉ स्कूल से पढ़ाई की है, जिसे दुनिया के बेहतरीन कानूनी संस्थानों में गिना जाता है. उन्होंने न सिर्फ पढ़ाई में उत्कृष्टता दिखाई, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकारों और कानून से जुड़े मसलों पर अपनी मजबूत पकड़ भी साबित की है. डॉ. अबीर की यह उपलब्धि अकेले उनकी नहीं, बल्कि पूरे अरब क्षेत्र की महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है. उनकी यह सफलता सऊदी शिक्षा प्रणाली, महिला सशक्तिकरण और अकादमिक विकास को भी नई दिशा देती है.उनका करियर सिर्फ प्रोफेसर की कुर्सी तक सीमित नहीं रहा है. उन्होंने कई राष्ट्रीय और विश्वविद्यालय स्तर की वैज्ञानिक व सलाहकार समितियों में अहम भूमिका निभाई है. उनके शोध और नीतिगत सुझावों ने सऊदी अरब की अंतरराष्ट्रीय कानून जगत में पहचान मजबूत की है.2017 में मिला था "सऊदी वुमन एक्सीलेंस अवॉर्ड"डॉ. अबीर को साल 2017 में "सऊदी वुमन एक्सीलेंस अवॉर्ड" से नवाजा गया था. यह सम्मान उन्हें न केवल उनके कानूनी ज्ञान के लिए मिला, बल्कि देश में महिलाओं को आगे बढ़ाने में उनके योगदान के लिए भी था.यह भी पढ़ें- 8वें वेतन आयोग के बाद चपरासी की सैलरी में होगा बड़ा बदलाव, जानें कितनी मिलेगी तनख्वाहविजन 2030 के तहत बढ़ रहा है महिलाओं का योगदानसऊदी अरब में हाल के वर्षों में "विजन 2030" के तहत महिलाओं को समाज, शिक्षा, रोजगार और तकनीक के हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने पर ज़ोर दिया जा रहा है. इसका ही नतीजा है कि देश में AI आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फील्ड में अब पुरुषों से ज्यादा महिलाएं काम कर रही हैं, और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में लगभग आधी कंपनियों की मालकिन महिलाएं हैं.यह भी पढ़ें- पंजाब में निकली 2000 PTI पदों पर भर्ती, जानिए योग्यता, उम्र सीमा और आवेदन प्रक्रिया