वह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी डेविड हेडली की मदद करने के लिए मुंबई में एक नकली ऑफिस बनाकर उसकी जासूसी गतिविधियों को अंजाम दिलवा रहा था। इस हमले में 170 से अधिक लोग मारे गए थे।