इससे पहले 16 मई और 2 जून को हुई बैठकों के दौरान हजारों युद्धबंदियों और मृत सैनिकों के शवों का आदान-प्रदान हुआ था. हालांकि ये बैठकें कुल मिलाकर तीन घंटे से भी कम समय की थीं और युद्ध समाप्त करने को लेकर कोई ठोस प्रगति नहीं हो पाई थी.