प्रवर्तन निदेशालय (ED) की गुरुग्राम जोनल टीम ने रियल एस्टेट घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए Universal Buildwell Pvt. Ltd. के तीन प्रमोटरों रमन पुरी, वरुण पुरी और विक्रम पुरी को गिरफ्तार कर लिया है. ये तीनों पिछले 7 साल से कोर्ट के समन से भाग रहे थे और कई मामलों में अदालत ने इन्हें भगोड़ा घोषित कर रखा था. दिल्ली पुलिस ने हाल ही में इन्हें पकड़ा, जिसके बाद ED ने 22 जुलाई को इन्हें अपनी कस्टडी में ले लिया. तीनों आरोपियों को गुरुग्राम की स्पेशल PMLA कोर्ट में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने उन्हें 29 जुलाई 2025 तक ED की हिरासत में भेज दिया है. ED की जांच 30 से ज्यादा FIR के बाद शुरू थी जो Universal Buildwell, उसके डायरेक्टर्स और प्रमोटरों के खिलाफ दिल्ली-NCR के अलग-अलग थानों में दर्ज है. इन लोगों पर आरोप है कि उन्होंने फ्लैट और कमर्शियल प्रॉपर्टी देने का झांसा देकर सैंकड़ों लोगों से पैसे वसूले, लेकिन आज तक प्रोजेक्ट्स को पूरा नहीं किया.1000 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी लोगों ने 2010 से पहले पैसे इन्वेस्ट किए थे, लेकिन अभी तक ना तो फ्लैट मिला और ना ही प्रोजेक्ट पूरा हुआ. कंपनी को बाद में Insolvency प्रक्रिया में ले जाया गया और NCLT ने कुछ फ्लैट्स को खरीदारों को देने का आदेश दिया. बाकी प्रॉपर्टी को लिक्विडेशन में डाल दिया गया.जांच में सामने आया है कि Universal Buildwell के प्रमोटर्स ने 8 बड़े प्रोजेक्ट्स के नाम पर लोगों से 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा इकट्ठा किए. इनमें गुरुग्राम और फरीदाबाद के प्रोजेक्ट्स जैसे Universal Trade Tower, Universal Greens, Universal Business Park, Aura, Universal Square, Market Square, The Pavilion और Universal Prime शामिल हैं.बैंक लोन के लिए फर्जी डॉक्यूमेंट्स किए तैयार इन पैसों में से सिर्फ एक छोटा हिस्सा ही प्रोजेक्ट पर खर्च किया गया. बाकी पैसे इन्होंने प्राइवेट ज़मीन खरीदने, महंगी प्रॉपर्टी लेने और पर्सनल फायदों में खर्च कर दिए. इतना ही नहीं, इन्होंने जाली दस्तावेज बनाकर प्रॉपर्टी को दो-दो बार बेचा, कुछ एग्रीमेंट्स पर फर्जी साइन करके बैंकों और इन्वेस्टर्स को धोखा दिया.तीनों आरोपियों ने बैंक लोन के लिए फर्जी डॉक्यूमेंट्स तैयार किए और कुछ फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशंस से भी करोड़ों का फ्रॉड किया. साथ ही प्रोजेक्ट्स की assured return scheme दिखाकर लोगों को झांसे में लिया गया. ED ने रेजोल्यूशन प्रोफेशनल से डेटा लेकर जांच को आगे बढ़ाया है और अब इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच की जा रही है. ED को शक है कि और भी लोग इस फ्रॉड में शामिल हो सकते है. ये भी पढ़ें:अस्पताल की आड़ में करोड़ों की ठगी! ED की छापेमारी में खुला बड़ा राज, 127 करोड़ की प्रॉपर्टी अटैच