संसद का मानसून सत्र आज से शुरू, जानिए एक घंटे की कार्यवाही के लिए कितना खर्च करती है भारत सरकार?

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Monsoon Session Of Parliament: इस साल का मानसून सत्र आज यानि कि 21 जुलाई से शुरू हो रहा है. यह सत्र 21 अगस्त तक चलने वाला है, लेकिन 12 से 18 अगस्त तक स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में कार्यवाही स्थगित रहेगी. सरकार और विपक्ष दोनों ही इस सत्र के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. जहां एक तरफ इस सत्र के लिए सरकार कई अहम बिल पेश कर सकती है, तो वहीं विपक्ष तमाम मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी से होगा. विपक्ष की ओर से सरकार से पहलगाम आतंकी हमला, सीजफायर पर ट्रंप का दावा, ऑपरेशन सिंदूर, अहमदाबाद विमान हादसा और बिहार में SIR पर चर्चा जैसे मुद्दे उठाए जा सकते हैं. इस दौरान संसद में कई बार हंगामा और बहिष्कार जैसी चीजें भी देखने को मिलती हैं, जिनसे कि समय की बर्बादी होती है. इस दौरान यह भी सवाल खड़ा होता है कि आखिर सरकार एक घंटे की कार्यवाही के लिए कितने रूपये खर्चा करती है. आइए इस बारे में विस्तार से बात करते हैं. संसद के कितने सत्र और कैसे होती है कार्यवाहीसंसद में तीन सत्र होते हैं, पहला होता है बजट सत्र, जो कि फरवरी से अप्रैल लास्ट या मई तक चलता है. इसके बाद होता है मानसून सत्र जो कि इस साल जुलाई से मिड से शुरू होकर अगस्त लास्ट तक चलेगा. इसके बाद आता है शीतकालीन सत्र, जो कि नवंबर से दिसंबर तक में चलता है. अब यह भी जान लेते हैं कि कार्यवाही कैसे होती है. इसके लिए प्वाइंट में समझेंगे.इस बार देश का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलने वाला है. बीच में एक हफ्ते के लिए कार्यवाही स्थगित रहेगी. सुबह 11 बजे से शुरू हुई कार्यवाही शाम को 6 बजे तक चलती है.इस बीच सांसदों को लंच ब्रेक भी मिलता है, जो कि दोपहर 1 बजे से 2 बजे के बीच होता है.शनिवार और रविवार को छोड़कर पांच दिनों के लिए संसद की कार्यवाही चलती है. अगर सत्र के दौरान कोई त्योहार पड़ता है तो संसद का अवकाश होता है. कार्यवाही पर कितना होता है खर्चाखबरों की मानें तो संसद की प्रत्येक कार्यवाही पर करीब हर मिनट में ढाई लाख के खर्चे का अनुमान है. वहीं अगर घंटे के हिसाब से देखा जाए तो एक घंटे में करीब डेढ़ करोड़ रुपये का खर्चा आ जाता है. संसद सत्र 7 घंटे चलता है, ऐसे में लंच ब्रेच में एक घंटा हटा दें तो बचे 6 घंटे. इन छह घंटों में बहस और मुद्दों पर चर्चा तो होती ही है, साथ ही साथ विरोध और हल्ला भी होता है, जिसमें लाखों रुपये की बर्बादी होती है. यह भी पढ़ें: हीरे से भरा पड़ा है ये ग्रह, पृथ्वी से 5 गुना है बड़ा, इसके बारे में नहीं जानते होंगे आप