गुड हैबिट्स- NO कहने की ताकत:अच्छा बनने के लिए हमेशा Yes कहना जरूरी नहीं, NO का मतलब है सेल्फ डिफेंस, NO कहना कैसे सीखें

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'ना' सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि एक ऐसी आदत है जो हमारे जीवन को बदल सकती है। हममें से कई लोग अक्सर विनम्रता के कारण, दूसरों को निराश न करने के डर से या सामाजिक अपेक्षाओं के कारण उन चीजों और कामों के लिए 'हां' कह देते हैं, जो हम वास्तव में नहीं करना चाहते हैं। खासकर भारतीय संस्कृति में, जहां रिश्तों और सामाजिक बंधनों को बहुत महत्व दिया जाता है, 'ना' कहना मुश्किल लगता है। हालांकि, यह एक ऐसी कला है जो हमें अपने समय, ऊर्जा और मानसिक स्वास्थ्य को संरक्षित रखने में मदद करती है। आज ‘गुड हैबिट्स’ कॉलम में जानेंगे कि 'ना' कहने की आदत क्यों जरूरी है। साथ ही जानेंगे कि- यह आदत क्यों महत्वपूर्ण है? 'ना' कहना हमें अपनी सीमाएं तय करने की शक्ति देता है। जब हम हर अनुरोध के लिए 'हां' कहते हैं, तो हम अपनी ऊर्जा और समय का दुरुपयोग करते हैं, जिससे तनाव, थकावट और बर्नआउट हो सकता है। 'ना' कहकर, हम अपने लिए समय निकालते हैं और उन चीजों पर ध्यान केंद्रित करते हैं जो हमारे लिए वास्तव में मायने रखती हैं। यह आदत हमें आत्म-जागरूकता और आत्म-सम्मान सिखाती है, क्योंकि यह हमें अपनी जरूरतों को प्राथमिकता देना सिखाता है। भारतीय समाज में, सामाजिक दबाव हमें दूसरों को खुश करने के लिए प्रेरित करता है। इसलिए 'ना' कहना एक क्रांतिकारी कदम हो सकता है। यह हमें यह समझने में मदद करता है कि हमारी अपनी खुशी और स्वास्थ्य भी उतना ही महत्वपूर्ण है। 'ना' कहने के फायदे 'ना' कहना आपके जीवन में जादू की तरह काम कर सकता है। ग्राफिक में देखिए इसके फायदे- ग्राफिक में दी सभी बातों को विस्तार से समझिए- इस आदत को कैसे अपनाएं? 'ना' कहना शुरू करना आसान नहीं लगता, खासकर अगर आप हमेशा "हां, ठीक है" कहने के आदी हैं। लेकिन कुछ छोटे स्टेप्स से आप इसे अपनी जिंदगी का हिस्सा बना सकते हैं। कुछ टिप्स देखिए- छोटी शुरुआत करें: बड़े फैसलों से पहले छोटे-छोटे मौकों पर 'ना' कहने की प्रैक्टिस करें। मिसाल के तौर पर, अगर कोई दोस्त कहे, "चलो, इस वीकेंड पार्टी में चलते हैं," और आप थके हुए हैं, तो कहें, "माफ करो यार, इस बार नहीं आ पाऊंगा।" स्पष्ट और विनम्र रहें: 'ना' कहते वक्त साफ बोलें, लेकिन विनम्रता से बोलें। जैसे- "मुझे बहुत अच्छा लगता अगर मैं मदद कर पाता, पर अभी यह मेरे लिए मुमकिन नहीं है।" अपनी सीमाएं तय करें: यह सोचें कि आप किन चीजों के लिए तैयार हैं और किनके लिए नहीं। फिर इन्हें दूसरों को बताएं ताकि वे आपकी प्राथमिकताओं को समझें। खुद से सवाल करें: कोई नई जिम्मेदारी लेने से पहले रुकें और पूछें, "क्या यह मेरे लिए जरूरी है? क्या यह मेरे लक्ष्यों से मेल खाता है?" गिल्ट को अलविदा कहें: 'ना' कहने पर अपराधबोध होता है? याद रखें, यह आपकी सेहत और खुशी के लिए है। समय के साथ लोग आपकी इस आदत को स्वीकार करेंगे। विनम्रता से 'ना' कहने के तरीके भारत में हम दूसरों की भावनाओं का ज्यादा ख्याल रखते हैं। इसलिए ना कहना मुश्किल होता है। यह भी नहीं समझ आता है कि आखिर ना कैसे कहा जाए। ग्राफिक में कुछ तरीके देखिए, इनकी मदद से आप अपनी बात रख सकते हैं और सामने वाला भी नाराज नहीं होगा- 'ना' न कहने के नुकसान अगर आप 'ना' कहना नहीं सीखते हैं तो आपका बहुत नुकसान हो सकता है। इससे हर दिन आप अपने जरूरी कामों को टालते रहेंगे। आपकी क्रिएटिविटी को नुकसान होगा और अक्सर थके हुए रहेंगे। इससे कई नुकसान हो सकते हैं- बर्नआउट होगा: ढेर सारी जिम्मेदारियां उठाने से आप शारीरिक और मानसिक रूप से थक सकते हैं। जैसे, ऑफिस में हर प्रोजेक्ट ले लिया और घर आने तक हिम्मत ही न बची। नाराजगी होगी: जो काम आप नहीं करना चाहते, उसे करने से आप दूसरों और खुद से चिढ़ने लगते हैं। मौके खो सकते हैं: गैर-जरूरी चीजों में उलझकर आप उन मौकों को मिस कर सकते हैं जो आपके लिए खास थे। सेहत पर असर पड़ेगा: तनाव से नींद पर असर पड़ता है, स्ट्रेस बढ़ता है और बीमारियां दस्तक देती हैं। दुनिया के सबसे सफल लोग कहते हैं 'ना' कई सफल लोग 'ना' कहने की कला में माहिर हैं, जिसने उनकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है- वारेन बफेट: मशहूर अरबपति निवेशक वारेन बफेट का कहना है कि बहुत सफल लोग लगभग हर चीज के लिए 'ना' कहते हैं। वे केवल उन अवसरों को चुनते हैं जो उनके मुख्य लक्ष्यों के अनुरूप होते हैं। स्टीव जॉब्स: एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स ने नवाचार के लिए हजारों विचारों को 'ना' कहा, जिससे एप्पल की अभूतपूर्व सफलता संभव हुई। ओपरा विनफ्रे: मशहूर मीडिया हस्ती ओपरा ने अपनी ऊर्जा और समय को संरक्षित करने के लिए 'ना' कहने के महत्व पर जोर दिया है, जिसने उन्हें अपने करियर और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन बनाए रखने में मदद की। 'ना' कहना आपकी ताकत है 'ना' कहना कमजोरी नहीं, बल्कि आपकी ताकत और समझदारी का सबूत है। यह आपको अपनी जिंदगी का कंट्रोल वापस देता है। जैसा वारेन बफेट कहते हैं, "हर 'ना' के साथ आप सही चीजों के लिए 'हां' कहते हैं।" आज से इस आदत को अपनाएं। छोटे कदम उठाएं, शायद अगली बार जब कोई अनचाहा काम आए, तो हिम्मत करें और विनम्रता से 'ना' कहें। आप देखेंगे कि यह कितना आजाद और हल्का महसूस कराता है। 'ना' कहकर अपने लिए एक खुशहाल, संतुलित जिंदगी बनाएं। .......................... ये खबर भी पढ़ें गुड हैबिट्स- काम के बीच में ब्रेक लेने की आदत:प्रोडक्टिविटी बढ़ाने की पोमोडोरो तकनीक, जानें क्या है 20-20-20 का नियम आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में, जहां हर कोई अपने काम और जिम्मेदारियों में व्यस्त है, खुद के लिए समय निकालना बेहद जरूरी हो गया है। क्या आपने कभी सोचा कि दिन भर कुर्सी पर बैठे-बैठे काम करने से आपका शरीर और दिमाग परेशान हो जाते हैं? पूरी खबर पढ़िए...