जरूरत की खबर- बरसात में बढ़ता इलेक्ट्रिक शॉक का रिस्क:करंट लगते ही उठाएं ये 3 जरूरी कदम, फर्स्ट एड में न करें ये 4 बड़ी गलतियां

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बारिश के मौसम में करंट लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। गीले कूलर, टूटे बिजली के तार या खंभों के संपर्क में आने से करंट लगने और मौत की खबरें आम हो जाती हैं। इलेक्ट्रिक शॉक यानी करंट लगना बेहद खतरनाक स्थिति हो सकती है। कभी यह सिर्फ हल्का झटका होता है, लेकिन कई बार यह जानलेवा साबित होता है। इससे दिल की धड़कन रुक सकती है या शरीर के अंदरूनी अंग गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते हैं। सबसे मुश्किल बात तब होती है, जब बाहर से कोई चोट नजर न आए, लेकिन अंदर गहरी क्षति हो चुकी होती है। ऐसे में अगर समय पर सही फर्स्ट एड मिल जाए तो किसी की जान बचाई जा सकती है। तो चलिए, जरूरत की खबर में बात करेंगे कि इलेक्ट्रिक शॉक लगने पर तुरंत क्या कदम उठाने चाहिए? साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. बॉबी दीवान, सीनियर फिजिशियन, दिल्ली सवाल- इलेक्ट्रिक शॉक क्या होता है? जवाब- हमारा शरीर बिजली को कंटक्ट करता है। जब कोई व्यक्ति बिजली के सोर्स के संपर्क में आता है तो करंट उसके शरीर के ऊतकों (टिशू) से होकर गुजरता है। इस तरह की चोट को इलेक्ट्रिकल इंजरी या इलेक्ट्रोक्यूशन भी कहा जाता है। सवाल- इलेक्ट्रिक शॉक लगने पर शरीर पर क्या असर होता है? जवाब- जब किसी को इलेक्ट्रिक शॉक लगता है तो इसका असर हल्का झटका भी हो सकता है और गंभीर चोट भी। यह इस बात पर निर्भर करता है कि करंट कितना तेज था, कितनी देर तक शरीर में बहा और किस हिस्से से होकर गुजरा। कई बार शरीर पर बाहर से कोई निशान नहीं दिखता, लेकिन अंदरूनी अंगों को गहरी चोट पहुंच सकती है। सवाल- इलेक्ट्रिक शॉक लगने पर तुरंत क्या करना चाहिए? जवाब- जब किसी को करंट लगे तो सबसे जरूरी है घबराने के बजाय शांत रहकर समझदारी से काम लेना। सबसे पहले यह देखें कि व्यक्ति को अभी भी करंट लग रहा है या नहीं। अगर करंट जारी है तो सीधे उसे छूने की कोशिश न करें, वरना आपको भी झटका लग सकता है। पहले बिजली के सोर्स को बंद करें या लकड़ी जैसी किसी सूखी, नॉन-कंडक्टिव चीज से व्यक्ति को करंट से अलग करें। इसके अलावा कुछ और जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। इन्हें नीचे दिए गए ग्राफिक में समझाया गया है। सवाल- अगर किसी को इलेक्ट्रिक शॉक लगे तो बचाने वाले को क्या गलतियां नहीं करनी चाहिए? जवाब- जब किसी को करंट लगे तो उसे बचाने की कोशिश करते वक्त कुछ बड़ी गलतियां नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे आप खुद खतरे में पड़ सकते हैं। इन्हें नीचे दिए ग्राफिक में देखिए- सवाल- इलेक्ट्रिक करंट लगने के कितने समय बाद तक खतरा हो सकता है? जवाब- कई बार करंट लगने के लक्षण तुरंत नहीं दिखते हैं। शॉक के कुछ घंटे बाद भी मसल्स में जकड़न, सांस लेने में तकलीफ या हार्ट रिदम में गड़बड़ी हो सकती है। इसलिए अगर व्यक्ति को बेहोशी, थकान, धड़कन तेज या दर्द जैसे लक्षण महसूस हों तो तुरंत ECG और मेडिकल जांच कराना जरूरी है। सवाल- इलेक्ट्रिक शॉक के बाद किन टेस्ट की जरूरत पड़ सकती है? जवाब- आमतौर पर ऐसी स्थिति में डॉक्टर ECG, ब्लड टेस्ट, स्किन बर्न एसेसमेंट, CT स्कैन या MRI करवाने की सलाह देते हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि करंट का असर दिल, नसों या शरीर के किसी अंग पर तो नहीं हुआ है। सवाल- घर में करंट से बचाव के लिए कौन-कौन से जरूरी सेफ्टी टिप्स अपनाने चाहिए?जवाब- बिजली से जुड़ी लापरवाही जानलेवा हो सकती है, इसलिए सतर्क रहना जरूरी है। सबसे पहले MCB और ELCB जैसे सेफ्टी डिवाइस जरूर लगवाएं, जो किसी भी गड़बड़ी या करंट लीक होने पर तुरंत बिजली सप्लाई बंद कर देते हैं। इसके अलावा कुछ अन्य सावधानियां भी बरतें। जैसेकि- सवाल- शॉक लगने के बाद शरीर में दर्द या जलन कितने दिन तक रह सकती है? जवाब- अगर करंट से मसल्स, नस या स्किन पर चोट आई है तो उसका दर्द या जलन कुछ दिनों से लेकर कई हफ्तों तक रह सकती है। जलने की स्थिति में घाव धीरे-धीरे भरते हैं। कुछ मामलों में फिजियोथेरेपी की भी जरूरत पड़ती है। ऐसे में ध्यान रखें कि डॉक्टर की सलाह से ही दवाएं और देखभाल करनी चाहिए। खासकर जब जलन गहरी हो या छाले पड़ गए हों। ……………………… ये खबर भी पढ़िए…. जरूरत की खबर- आकाशीय बिजली से सावधान:बिजली गिरने के 4 संकेत, घर में हों या बाहर, बरतें 10 सावधानियां, न करें ये 5 गलतियां मानसून की शुरुआत होते ही देश के अलग-अलग राज्यों से आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं सामने आ रही हैं। ये घटनाएं भले ही प्राकृतिक हों, लेकिन कुछ जरूरी सावधानियां अपनाकर इनसे बचाव संभव है। पूरी खबर पढ़िए...