खच्चर हांकने वाले अतुल ने बदली किस्मत, अब करेंगे IIT मद्रास से पढ़ाई

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मेहनत अगर ईमानदारी से की जाए, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता. उत्तराखंड के एक छोटे से गांव बीरो देवल से आने वाले अतुल कुमार ने ये बात सच साबित कर दी है. जहां एक तरफ हालात उनके खिलाफ थे, वहीं दूसरी ओर उनका हौसला बुलंद था. दिन भर केदारनाथ में खच्चर हांकना और रात को पढ़ाई करना... यही था अतुल का रूटीन. लेकिन इस कठिन दिनचर्या ने ही आज उन्हें उस मुकाम पर पहुंचाया है, जहां पहुंचने का सपना लाखों छात्र देखते हैं.अतुल ने IIT JAM 2025 परीक्षा में ऑल इंडिया 649वीं रैंक हासिल की है और अब उन्हें देश के प्रतिष्ठित संस्थान IIT मद्रास में गणित से M.Sc. करने का मौका मिला है. यह सफलता यूं ही नहीं मिली, इसके पीछे है बरसों की मेहनत, त्याग और लगातार संघर्ष.कठिन रास्ते, मजबूत इरादेअतुल का परिवार घोड़े-खच्चरों का संचालन करता है. यही काम खुद अतुल भी करते थे. केदारनाथ यात्रा के दौरान वह यात्रियों का सामान खच्चरों के माध्यम से पहुंचाते थे. ये काम शारीरिक रूप से बेहद थकाऊ होता है, लेकिन अतुल इसे दिनभर करते और रात को थकान के बावजूद पढ़ाई में जुट जाते.सरकारी स्कूल से टॉपर तकअतुल की शुरुआती पढ़ाई उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में हुई. उन्होंने 10वीं कक्षा में 94.8% अंक हासिल किए और राज्य में 17वां स्थान पाया. 12वीं में भी उन्होंने 92.8% अंक लाकर 21वां स्थान हासिल किया. इसके बाद उन्होंने श्रीनगर (गढ़वाल) स्थित एचएनबी गढ़वाल यूनिवर्सिटी से B.Sc. की पढ़ाई की, जहां पांचों सेमेस्टर में 80% से अधिक अंक प्राप्त किए. अब वे अंतिम सेमेस्टर का रिजल्ट आने का इंतजार कर रहे हैं.माता-पिता और गुरुओं का साथअतुल अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को देते हैं. उनका कहना है कि अगर परिवार और गुरुजनों का साथ न होता, तो शायद ये मंजिल इतनी आसानी से नहीं मिलती. खासकर जब आर्थिक स्थिति अच्छी न हो, तब पढ़ाई का सपना पालना ही अपने आप में एक चुनौती होता है.यह भी पढ़ें: UGC NET जून 2025 का रिजल्ट 22 जुलाई को होगा जारी, ऐसे करें समय रहते तैयारी