गणतंत्र दिवस हो या फिर राष्ट्रपति भवन में कोई खास समारोह, आपने राष्ट्रपति के बगल में खड़े बेहद सजीले और रौबदार जवानों को जरूर देखा होगा. ये कोई आम सैनिक नहीं होते, बल्कि इन्हें कहा जाता है प्रेसीडेंट्स बॉडीगार्ड (PBG). यह भारतीय सेना की सबसे पुरानी और गौरवशाली यूनिट है, जो देश के सर्वोच्च नागरिक राष्ट्रपति की सुरक्षा में तैनात रहती है.कौन होते हैं PBG जवान?प्रेसीडेंट्स बॉडीगार्ड यूनिट का मुख्य कार्य राष्ट्रपति की सुरक्षा करना और हर पल उनके साथ रहना होता है. ये जवान न सिर्फ देश के सबसे फिट और अनुशासित सैनिकों में गिने जाते हैं, बल्कि इनका कद-काठी और ट्रेनिंग भी बेहद खास होती है. PBG के सैनिकों की लंबाई कम से कम 6 फीट होनी जरूरी है. आज भी इस यूनिट में जाट, सिख और राजपूत जातियों के जवानों को प्राथमिकता दी जाती है, जो मुख्य रूप से हरियाणा, पंजाब और राजस्थान से आते हैं.कितनी पुरानी है ये यूनिट?PBG की स्थापना सन् 1773 में ईस्ट इंडिया कंपनी के समय हुई थी. उस वक्त इसका गठन गवर्नर जनरल वॉरेन हेस्टिंग्स ने किया था. शुरुआत में इसमें 50 मुगल ट्रूप्स को शामिल किया गया था, जो बाद में बनारस के राजा चैत सिंह की मदद से बढ़कर 100 हुए. देश आजाद हुआ, अंग्रेज चले गए, लेकिन यह यूनिट आज भी राष्ट्रपति की सेवा में है. पहले ये वायसराय की सुरक्षा करती थी, अब राष्ट्रपति के अंगरक्षक हैं.सिलेक्शन प्रक्रिया और ट्रेनिंगPBG में शामिल होना किसी भी सैनिक के लिए गर्व की बात होती है. लेकिन इसमें भर्ती आसान नहीं होती. चयनित जवानों को 2 साल की विशेष ट्रेनिंग दी जाती है, जिसमें उन्हें तलवारबाज़ी, पैरा ट्रूपिंग, घुड़सवारी और शारीरिक दक्षता के हर पहलू में निपुण बनाया जाता है. इस ट्रेनिंग के अंत में, जवान अपने कमांडेंट के सामने तलवार पेश करते हैं – यह परंपरा इस बात का प्रतीक है कि अब उनका जीवन और हथियार राष्ट्र सेवा को समर्पित है.घोड़ों के साथ खास रिश्ताPBG की एक और खास बात है इनके घोड़े. यह यूनिट भारतीय सेना की एकमात्र ऐसी टुकड़ी है जो अब भी परंपरागत घुड़सवार अभ्यास करती है. जवानों को घुड़सवारी में इतनी महारत होती है कि ये बिना लगाम के 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से भी घोड़े पर सवारी कर सकते हैं. सुबह की शुरुआत ही इनका घोड़ों के साथ अभ्यास करके होती है.क्या पहनते हैं ये जवान?इनका यूनिफॉर्म भी बेहद खास होता है चमचमाती लाल और सुनहरी पोशाक, सिर पर साफा, और हाथ में तलवार ये सब मिलकर इन्हें किसी फिल्मी सीन से भी ज्यादा प्रभावशाली बना देते हैं. हर बार जब ये गणतंत्र दिवस परेड में नजर आते हैं, लोग इन्हें देख मंत्रमुग्ध हो जाते हैं.यह भी पढ़ें- 8वें वेतन आयोग के बाद चपरासी की सैलरी में होगा बड़ा बदलाव, जानें कितनी मिलेगी तनख्वाह