रेणुकास्वामी मर्डर केस में आरोपी कन्नड़ एक्टर दर्शन और अन्यों को जमानत दिए जाने के कर्नाटक हाईकोर्ट के तरीके पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है. कोर्ट ने आरोपियों को जमानत देने के हाईकोर्ट के तरीके पर सवाल उठाए हैं. कर्नाटक सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इस मामले में दर्शन के अलावा उनकी दोस्त पवित्रा गौड़ा भी मुख्य आरोपी हैं.इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल जून में रेणुकास्वामी को किडनैप कर टॉर्चर किए जाने और फिर हत्या के आरोप में दर्शन को गिरफ्तार किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (24 जुलाई, 2025) को पूरा मामला सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाए थे. आज सुनवाई करते हुए जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने कहा कि वह हाईकोर्ट जैसी गलती नहीं करेंगे. पहले जांच करेंगे और फिर फैसला सुनाएंगे.मुख्य आरोपी पवित्र गौड़ा के वकील से सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'हम दोषसिद्धि या बरी करने को लेकर कोई फैसला नहीं सुना रहे हैं.' कोर्ट ने कहा, 'हाईकोर्ट ने जिस तरीके से फैसला सुनाया... बहुत दुख की बात है. क्या हाईकोर्ट अन्य मामलों में भी इसी तरीके से फैसला सुनाता है? हमें जो बात परेशान कर रही है, वो हाईकोर्ट का दृष्टिकोण है, खासतौर पर यह कहना कि गिरफ्तारी के आधार नहीं बताए गए.'सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को लेकर कहा कि प्रथम दृष्टया यह न्यायिक शक्तियों का विकृत प्रयोग लग रहा है. ट्रायल कोर्ट ऐसी गलती करे तो उसको फिर भी स्वीकार किया जा सकता है, लेकिन हाईकोर्ट से ऐसी उम्मीद नहीं होती. जस्टिस पारदीवाला ने इस बात भी सवाल उठाए कि इस मामले पर इतना ध्यान क्यों दिया जा रहा है, जबकि सालों से कितने आरोपी जेल में पड़े हैं. सुप्रीम कोर्ट ने गवाहों के बयान रद्द किए जाने पर भी सवाल उठाए. हाईकोर्ट ने किरन और पुनीत के बयानों को रद्द कर दिया था, जो गार्ड के तौर पर नौकरी कर रहे थे. कोर्ट न कहा कि हाईकोर्ट ने कैसे मान लिया कि उनके बयानों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. राज्य सरकार की तरफ से पेश हुए सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा ने कोर्ट को बताया कि कॉल रिकॉर्ड्स डेटा, लोकेशन और कपड़ों और वाहन से लिए गए डीएनए सैंपल बयानों से मेल खाते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी से प्राप्त साक्ष्यों की प्रकृति पर सवाल उठाए और कहा कि आपने आरोपी नंबर 10 का मोबाइल फोन लिया, भला कोई हमले की तस्वीरें क्यों लेगा.सुप्रीम कोर्ट के सवालों पर बताया गया कि आरोपी नंबर 2 को कई तस्वीरें भेजी गईं और एक तस्वीर में मृतक गिड़गिड़ाते हुए भी नजर आया था. ये बात सुनकर दोनों जज हैरान रह गए और उन्होंने कहा, 'मिस्टर लूथरा ये अविश्वसनीय है. वहां एक अपराध हो रहा था और ये लोग फोटो खिंचवा रहे थे. अब हमें समझ आ गया कि ये लोग एक्टर को पूजते हैं.'एडवोकेट लूथरा ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दर्शन के फैन क्लब के लोग उस तक पहुंचने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं और सभी आरोपी उनके फैन क्लब के ही हैं. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई खत्म कर दी और कहा कि वह अभी दोषसिद्धी या बरी किए जाने का कोई आदेश नहीं सुना रहा है. पहले कोर्ट जांच करेगा और फिर फैसला सुनाएगा.रेणुकास्वामी भी दर्शन का फैन था, उसने हत्या से कुछ हफ्ते पहले ही पवित्र गौड़ा को अश्लील तस्वीरें भेजी थीं. रेणुकास्वामी ने ऐसा इसलिए किया कि दर्शन का पारिवारिक जीवन प्रभावित न हो. उसका मानना था कि पवित्र गौड़ा से बढ़ती नजदीकियों की वजह से दर्शन की पारिवारिक जिंदगी प्रभावित होगी इसलिए दोनों को दूर करने के लिए अश्लील मैसेज पवित्रा को भेजे और अपनी तुलना भी दर्शन से की. रेणुका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि मारने से पहले उसको बहुत टॉर्चर किया गया था.