उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के एक दिन बाद मंगलवार (22 जुलाई,2025) को कई विपक्षी नेताओं ने इस अप्रत्याशित फैसले पर आश्चर्य जताया. इस्तीफे के कारणों को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के राज्यसभा सांसद पी. संदोष कुमार ने कहा कि इस इस्तीफे की असली वजह सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ही बता सकते हैं.धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का दिया हवालाधनखड़ ने सोमवार शाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा भेजा. अपने पत्र में उन्होंने लिखा, 'स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे रहा हूं.'विपक्ष ने उठाए सवाल- क्या यह सच में स्वास्थ्य कारण है?भाकपा नेता पी. संदोष कुमार ने कहा कि यह सिर्फ एक दिखावा हो सकता है. उन्होंने कहा, 'धनखड़ के इस्तीफे के कई अन्य कारण हो सकते हैं. वह सदन का संचालन बहुत सक्रियता से कर रहे थे. निश्चित रूप से इस्तीफे के पीछे कुछ और वजह होगी. केवल मोदी और शाह ही असली बात बता सकते हैं.'समाजवादी पार्टी बोली- सब हैरान हैंसमाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने कहा,'मैं कुछ समझ नहीं पा रहा हूं. उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया है, यही सुना है.' सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा,'यह चौंकाने वाला फैसला है. रात को अचानक पता चला कि उपराष्ट्रपति ने इस्तीफा दे दिया है, जबकि वह तो कल ही सदन में थे. मैं हैरान हूं और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं.'2027 तक था धनखड़ का कार्यकाल74 वर्षीय धनखड़ ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति पद संभाला था और उनका कार्यकाल 2027 तक था. वह राज्यसभा के सभापति भी थे. उनका इस्तीफा संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन आया. हाल ही में दिल्ली के एम्स में उनकी एंजियोप्लास्टी हुई थी और मार्च 2025 में उन्हें कुछ दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था.