संविधान से 'समाजवाद' और 'धर्मनिरपेक्षता' शब्द हटाने पर क्या है केंद्र का रुख? मोदी सरकार के मंत्री ने संसद में दिया ये जवाब

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केंद्र सरकार ने संसद में स्पष्ट कर दिया है कि संविधान की प्रस्तावना से 'समाजवाद' और 'धर्मनिरपेक्षता' शब्दों को हटाने या उन पर दोबारा विचार करने की कोई योजना नहीं है. राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि इन शब्दों को हटाने को लेकर न तो कोई संवैधानिक प्रक्रिया शुरू की गई है और न ही ऐसा कोई सरकारी इरादा है.उन्होंने कहा कि भले ही कुछ राजनीतिक या सामाजिक हलकों में इस पर बहस हो रही हो, लेकिन सरकार की तरफ से इस संबंध में कोई औपचारिक फैसला या प्रस्ताव नहीं लाया गया है. बता दें कि ये दोनों शब्द 1976 में आपातकाल के दौरान संविधान की प्रस्तावना में जोड़े गए थे.