National Cooperative Policy: नई सहकारिता नीति अनावरण पर अमित शाह बोले- बदलेगा ग्रामीण भारत का चेहरा

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार (25 जुलाई, 2025) को नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति 2025 का अनावरण किया. ये नीति पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु के नेतृत्व में 48 सदस्यों के साथ सभी स्टेक होल्डर्स से बात करके बनाई गई है. इस नीति का अनावरण करने के बाद अमित शाह ने संबोधित करते हुए कहा कि 50 करोड़ नागरिकों को एक्टिव कॉपरेटिव मेंबर बनाने का लक्ष्य रखा है. अमित शाह ने कहा कि अगर मुझे ठीक याद है तो 2002 में पहली बार भारत सरकार सहकारिता नीति लेकर आई थी. उस समय भी बीजेपी की सरकार थी, अटल जी प्रधानमंत्री थे. आज दूसरी सहकारिता नीति भी जब आई है, उस समय भी बीजेपी की सरकार है और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं. जो भारत के विकास को समझता है, वही सहकारिता नीति बना सकता है. सहकारिता क्षेत्र की पहले जीर्ण-शीर्ण हालतउन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने एक लक्ष्य रखा है कि 2027 में तीसरे नंबर के अर्थ तंत्र बन जायेंगे. सबका समान विकास हो और सबके विकास के साथ देश का विकास हो, ये भारत का विचार है. सहकारिता क्षेत्र पहले जीर्ण-शीर्ण हालत में था. आज देश की छोटी से छोटी इकाई का मेंबर गर्व और आत्म विश्वास के साथ खड़ा हो गया है, ये बड़ी बात है. आज कॉपरेटिव सेक्टर कॉरपोरेट सेक्टर के साथ एक लाइन में खड़ा है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसके लिए हमने 48 सदस्यीय कमेटी बनाई, सुरेश प्रभु उसके अध्यक्ष बने. सभी स्टेक होल्डर्स के साथ बात की गई. RBI और नाबार्ड के साथ भी बातचीत करने के बाद नीति बनाई गई. 130 करोड़ लोगों के विकास की क्षमता सहकारिता में है. 80 करोड़ लोगों को राशन दे दिया, घर दे दिया, बिजली दे दी, अब इनके सामने एक समस्या है कि अब करें क्या? जिसके लिए पहले भागते थे वो तो मोदी सरकार ने 10 साल में ही दे दिया.सहकारिता क्षेत्र में छोटी पूंजी के साथ कामअमित शाह ने कहा कि अब उनके सामने समस्या ये है कि वो करें क्या, उसके सामने एक वैक्यूम खड़ा हो गया है. वो मेहनत करना चाहता है, लेकिन उसके पास पूंजी नहीं है. इसलिए छोटी पूंजी के साथ काम करने का स्कोप सहकारिता क्षेत्र में है. हर गांव में एक कॉपरेटिव कम से कम बनाना ये लक्ष्य है. ग्रामीण क्षेत्रों में जो कॉपरेटिव इकाई काम कर रही है, उनको मजबूत करना है. मजबूत कॉपरेटिव इकोसिस्टम बनाकर इकाई को लाइव बनाना है. समितियों के मेंबर्स को बढ़ाना और नए क्षेत्रों में भी कॉपरेटिव को बढ़ावा देना है. 83 बिंदुओं में से 58 बिंदुओं पर हो चुका कामउन्होंने कहा कि हेल्थ, टूरिज्म, टैक्सी, ग्रीन एनर्जी और इंश्योरेंस क्षेत्र में आए हैं. टैक्सी और इंश्योरेंस क्षेत्र में तो बड़ी जल्दी आगे बढ़ जाएंगे. सेक्टर की मदद के लिए मोदी सरकार तैयार हैं, लेकिन इकाई खुद आत्मनिर्भर बने, वो महत्वपूर्ण है. 83 बिंदुओं में से 58 बिंदुओं पर काम हो चुका है, 3 बिंदु पूरे हो चुके हैं, 22 बिंदुओं पर नई शुरुआत होगी. 2034 तक सहकारी क्षेत्र का देश की जीडीपी में योगदान तीन गुना बढ़ाने का लक्ष्य हमने रखा है. उन्होंने आगे कहा कि 50 करोड़ नागरिकों को एक्टिव कॉपरेटिव मेंबर बनाने का लक्ष्य रखा है. पारदर्शिता के लिए मॉनिटरिंग भी की जाएगी. हर तहसील में 5 मॉडल कॉपरेटिव गांव बनाए जाएंगे. आज सहकारिता मंत्रालय नई नीति के इंप्लीमेंटेशन के लिए पूरी तरह तैयार है. कंप्यूटरीकरण के माध्यम से कामकाज का तरीका बदलेंगे. हर 10 साल में कानून में जरूरी बदलाव का प्रावधान भी हम रखेंगे. संतुलित सहकारी विकास हो, इसका रोडमैप बनाया गया है. ड्राइवर को मिलेगा सीधा मुनाफा अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि कॉमर्शियल बैंको के समकक्ष कॉपरेटिव बैंक को खड़ा करने के लिए जरूरी तैयारी हमने कर ली है. युवा कॉपरेटिव ही करियर होगा, ऐसा विश्वसनीय माहौल बनाएंगे. सभी राज्यों ने मॉडल बाय लॉज को बिना किसी राजनीति के स्वीकार कर लिया है. सहकार टैक्स साल बदलने से पहले हम ले आएंगे, ऐसा हमें विश्वास है. ड्राइवर को सीधा उसका मुनाफा मिलेगा.ये भी पढ़ें:- Israel Hamas War: 'रोक दें गाजा में तबाही, वरना...', जमात-ए-इस्लामी हिंद ने भारत सरकार से कह दी बड़ी बात