कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से कर्नाटक लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर लगाए गए वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. आयोग ने कहा है कि अगर कोई इलेक्शन पिटिशन (चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका) दाखिल नहीं की गई है तो अब इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगाने का औचित्य क्या है?राहुल गांधी के आरोपों पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि कर्नाटक लोकसभा चुनाव 2024 में हारे हुए किसी भी कांग्रेस प्रत्याशी ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 80 के तहत कोई भी चुनाव याचिका दाखिल नहीं की है. चुनाव आयोग के मुताबिक, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 24 के तहत कांग्रेस या किसी प्रतिनिधि की ओर से कर्नाटक की मतदाता सूची पर एक भी अपील कर्नाटक के डीएम या सीईओ के पास दाखिल नहीं की गई.45 दिनों के भीतर इलेक्शन पिटिशन दायर का नियमआयोग ने कहा कि नियमों के हिसाब से किसी भी चुनाव नतीजे के खिलाफ 45 दिनों के भीतर इलेक्शन पिटिशन दायर करनी होती है. यदि ऐसा होता है तो चुनाव आयोग संबंधित सामग्री को सुरक्षित रखता है, अन्यथा उसे हटाने का प्रावधान है. चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के बयान को 'अनुचित और धमकी भरा' बताया और कहा कि एक संवैधानिक संस्था के रूप में ईसीआई को निशाना बनाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है.चुनाव आयोग ने इसके साथ ही राहुल गांधी से सवाल भी पूछा है कि आखिर अगर कोई वैधानिक याचिका दायर नहीं की गई तो अब इस स्तर पर चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाना और मुख्य चुनाव आयुक्त को निशाना बनाना किस मकसद से किया जा रहा है?राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर उठाए थे सवालइससे पहले राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोटर लिस्ट में धांधली और गलत तरीके से मतदाताओं के नाम जोड़ने और काटने का आरोप लगाते हुए दावा किया है कि उनके पास कर्नाटक की एक विधानसभा सीट का आंकड़ा मौजूद है, जिससे साबित होता है कि किस तरह से चुनाव आयोग वोटर लिस्ट में गड़बड़ी करता है.ये भी पढ़ें:- 6 साल से बंद पड़े आतंकी कैंपों को लश्कर ए तैयबा ने फिर से किया एक्टिव, टॉप आतंकियों ने किया दौरा