पिछले नौ महीनों में सुरक्षा बलों ने मोर्चे पर लगातार सफलता पाई है। इस अवधि में 28 नक्सली मुठभेड़ों में मारे गए, जबकि 27 ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा का रास्ता चुना। लगातार हो रही कार्रवाई से नक्सल संगठन की पकड़ कमजोर पड़ रही है और छोटे कैडरों पर आत्मसमर्पण का दबाव बढ़ रहा है।