सांस लेने से व्यक्ति जिंदा रहता है लेकिन आज हालात ऐसे हैं कि सांस लेने से ऐसी गंभीर बीमारी हो रही है कि जान तक चली जाती है. भारत में क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज के आधे मामले प्रदूषित हवा में सांस लेने की वजह से ही आ रहे हैं.