खुशखबरी! इंसान के अस्तित्व पर मंडरा रहा खतरा टला, रक्षा कवच को मिली नई जिंदगी

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Agency:पीटीआईLast Updated:September 16, 2025, 07:06 ISTइम्पैक्ट शॉर्ट्ससबसे बड़ी खबरों तक पहुंचने का आपका शॉर्टकटवैश्विक स्तर पर किए गए पहल की बदौलत ओजोन लेयर में सुधार के संकेत मिले हैं.Science News: इस शीर्षक को पढ़कर आप सोच रहे होंगे कि हम किस सैन्य हथियार या वैज्ञानिक सिस्टम के बारे में बात कर रहे हैं. इस वक्त दुनिया में ऐसी ही चीजों की सबसे अधिका चर्चा होती है. लेकिन, ऐसा नहीं है. आज हम आपके साथ दुनिया के इंसानों की जिंदगी के अस्तित्व से जुड़े एक अहम पहलू के बारे में बात कर रहे हैं. यह एक ऐसी चीज है जिससे पूरी दुनिया ने राहत की सांस ली है. दुनिया का हर एक इंसान इस उपलब्धि से आज खुश है. उसे लग रहा है कि उसकी मेहनत ने रंग लाया और मानवता के अस्तित्व पर खतरे को टाल दिया गया.दरअसल, राजनीति से लेकर जंग की तमाम खबरों के बीच एक अच्छी खबर यह है कि धरती का रक्षा कवच कहलाने वाले ओजोन लेयर में सुधार हो रहा है. वर्ल्ड मेटियोरोलिजिकल ऑर्गनाइजेशन (WMO) के मुताबिक ओजोन लेयर में फिर से सुधार होने लगा है. प्रदूषण और वायुमंडल में कार्बन की बढ़ती मात्रा के कारण इस लेयर को भारी नुकसान पहुंचा था. रिपोर्ट के अनुसार इस साल ओजोन क्षरण में कमी प्राकृतिक वायुमंडलीय कारकों के कारण आंशिक रूप से हुई, लेकिन दीर्घकालिक सुधार वैश्विक कार्रवाई की सफलता को दर्शाता है.विज्ञान की चेतावनियांयह बुलेटिन वर्ल्ड ओजोन डे पर जारी किया गया, जो ओजोन संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की नींव रखने वाली वियना कन्वेंशन की 40वीं वर्षगांठ का भी प्रतीक है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि 40 वर्ष पहले दुनिया के देशों ने विज्ञान के मार्गदर्शन में ओजोन परत की रक्षा के लिए पहला कदम उठाया. वियना कन्वेंशन और इसका मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल बहुपक्षीय सफलता का प्रतीक बन गया. आज, ओजोन लेयर ठीक हो रहा है. यह उपलब्धि हमें याद दिलाती है कि जब दुनिया विज्ञान की चेतावनियों को सुनती है, तो सुधार किया जा सकता है.त्वचा कैंसर, मोतियाबिंद से मिलेगा छुटकारामॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल ने रेफ्रिजरेशन, एयर कंडीशनिंग, अग्निशमन फोम और हेयरस्प्रे में व्यापक रूप से उपयोग होने वाले नियंत्रित ओजोन-क्षयकारी पदार्थों (ओडीएस) का 99 प्रतिशत से अधिक चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर दिया है. परिणामस्वरूप, ओजोन परत के मध्य-शताब्दी तक 1980 के स्तर पर आ जाने की उम्मीद है. इससे त्वचा कैंसर, मोतियाबिंद और पारिस्थितिकी तंत्र क्षति के जोखिमों को कम करेगा. डब्ल्यूएमओ के अनुसार यदि वर्तमान नीतियां बरकरार रहीं, तो ओजोन परत 2040 तक वैश्विक स्तर पर, 2045 तक आर्कटिक में और 2066 तक अंटार्कटिक पर पूरी तरह ठीक हो जाएगी.वर्ल्ड ओजोन डे का थीम फ्रॉम साइंस टू ग्लोबल एक्शन है, जो डब्ल्यूएमओ के 75वें स्थापना दिवस के नारे साइंस फॉर एक्शन को प्रतिबिंबित करता है. डब्ल्यूएमओ महासचिव सेलेस्ट साउलो ने कहा- यह संयोग नहीं है. विज्ञान से कार्रवाई तक का सफर ओजोन संरक्षण की सफलता का आधार है. डब्ल्यूएमओ की साइंटिफिक एडवाइजरी ग्रुप ऑन ओजोन एंड सोलर यूवी रेडिएशन के चेयरमैन मैट टुली ने कहा- मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल की दशकों की सफलता के बावजूद यह कार्य अभी समाप्त नहीं हुआ है. विश्व को स्ट्रेटोस्फेरिक ओजोन, ओजोन-क्षयकारी पदार्थों और उनके विकल्पों की सतत निगरानी जारी रखने की आवश्यकता है.1980 के दशक में ओजोन लेयर में होल बहुत गंभीर हो गया था. फोटो- रायटरओजोन होल में सुधाररिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 में वैश्विक स्तर पर स्ट्रेटोस्फेरिक ओजोन कवर पिछले वर्षों से अधिक था. अंटार्कटिक ओजोन होल, जो हर वसंत में दक्षिणी ध्रुव पर प्रकट होता है, का अधिकतम ओजोन मास डेफिसिट (ओएमडी) 29 सितंबर को 46.1 मिलियन टन रहा, जो 1990-2020 के औसत से नीचे था. यह 2020-2023 के अपेक्षाकृत बड़े होल्स से छोटा था. होल का प्रारंभ अपेक्षाकृत धीमा था, सितंबर में विलंबित क्षरण के बाद तेजी से रिकवरी हुई. बुलेटिन ने इसे अंटार्कटिक ओजोन होल की प्रारंभिक रिकवरी का मजबूत संकेत बताया.ओजोन परत को नुकसानओजोन परत का क्षय 1970-80 के दशक में क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफसी) जैसे रसायनों के कारण तेजी से बढ़ा, जिससे यूवी किरणों का प्रवेश बढ़ा और स्वास्थ्य व पर्यावरण को खतरा पैदा हुआ. 1985 में वियना कन्वेंशन और 1987 में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल ने वैश्विक स्तर पर इन पदार्थों को चरणबद्ध करने का मार्ग प्रशस्त किया. किगाली संशोधन (2016) ने हाइड्रोफ्लोरोकार्बन (एचएफसी) को भी लक्षित किया, जो ओजोन को सीधे प्रभावित नहीं करते लेकिन ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ाते हैं. अब तक 164 पक्षकारों द्वारा अनुमोदित यह संशोधन शताब्दी के अंत तक 0.5 डिग्री सेल्सियस वार्मिंग को रोक सकता है.न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।homeknowledgeखुशखबरी! इंसान के अस्तित्व पर मंडरा रहा खतरा टला, रक्षा कवच को मिली नई जिंदगीऔर पढ़ें