वक्फ कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर संजय सिंह ने केंद्र सरकार को घेरा

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Edited by:Rakesh Ranjan KumarAgency:News18HindiLast Updated:September 15, 2025, 21:58 ISTइम्पैक्ट शॉर्ट्ससबसे बड़ी खबरों तक पहुंचने का आपका शॉर्टकट'आप' नेता संजय सिंह ने वक्फ कानून पर केंद्र सरकार को घेरा. (फाइल फोटो)लखनऊ. आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने सोमवार को वक्फ संशोधन बिल पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा और पीएम मोदी पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन बिल पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला केंद्र सरकार पर सुप्रीम तमाचा है. इस फैसले ने केंद्र सरकार से वक्फ की जमीनें कब्जा कर अपने पूंजीपति दोस्तों को देने का प्लान फेल कर दिया है. इससे भाजपा और पीए मोदी सदमे में हैं. सुप्रीम कोर्ट का वक्फ बोर्ड पर आया फैसला संविधान में विभिन्न धर्मों के लोगों को मिले अधिकारों के अनुरूप है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने विपक्ष की एक भी सलाह नहीं मानी और गैर संवैधानिक बिल पर चर्चा कराकर सदन का समय बर्बाद किया. अब इस फैसले ने भाजपाइयों का वक्त संशोधन बिल के बहाने देश में नफरती राजनीति करने का मौका भी छीन लिया है.सोमवार को प्रेसवार्ता कर संजय सिंह ने कहा कि एक लंबी लड़ाई के बाद वक्फ संशोधन बिल पर सर्वोच्च न्यायलय ने फैसला दे दिया है. इस फैसले से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके अंधभक्त बहुत सदमे में हैं. हालांकि अंधभक्तों का कोई फायदा नहीं होने वाला था, लेकिन उनको नफरत फैलाने का बढ़िया मौका मिल रहा था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने छीन लिया. हिन्दू-मुस्लिम पर तो भाजपा के लोग राजनीति करते ही हैं.संजय सिंह ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल पर बहस करने के लिए गठित कमेटी का मैं खुद सदस्य रहा हूं. भाजपा के जगदम्बिका पाल चेयरमैन थे. कमेटी में तमाम विपक्षी दलों के सदस्य थे. हम सबने बार-बार कहा कि सरकार गलत कर रही है. ऐसे कानून नहीं बनता है. देश में नफरत फैलाकर राजनीति करने के लिए मात्र मुद्दा मिल जाए, इसके उद्देश्य से बिल लाना गलत है. बिल में लिखा था कि पांच साल तक लगातार मुस्लिम रीति-रिवाजों को मानने वाला व्यक्ति की वक्फ के लिए दान कर सकता है. अगर कोई कहे कि आप लगातार पांच साल मंदिर, गुरुद्वारे या चर्च जाएंगे तभी आप उसके लिए दान कर पाएंगे, ये क्या बात है? काफी शक्तियां जिलाधिकारी के हाथ में दे दी गई थी. हमें धार्मिक स्वतंत्रता की आजादी बाबा साहब डॉ. अंबेडकर के लिखे संविधान से मिली है. संविधान की धारा 25 व 26 में साफ कहा गया है कि हर व्यक्ति अपनी-अपनी धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से अपने धार्मिक स्थलों का प्रबंधन कर सकते हैं.संजय सिंह ने कहा कि इस बिल पर खुश होने वालों के लिए मैंने संसद में भी कहा था कि बिल पर खुश मत होना क्योंकि आने वाले दिनों में ऐसे ही बिल जैन मंदिरों, चर्चों, गुरुद्वारों और मंदिरों की जमीन कब्जा करने के लिए आएगा. इसी बीच मुम्बई में 90 साल पुराना एक जैन मंदिर तोड़ दिया गया. मैं देश के लोगों को सावधान रहने की अपील करता हूं. भाजपा के नफरती एजेंडे से बचिए. भाजपा का मकसद सारी धार्मिक जमीन को कब्जा करना है. अयोध्या इसका ताजा उदाहरण है. ये लोग वहां बड़े पैमाने पर जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं. इन्होंने रक्षा मंत्रालय की 13 हजार एकड़ जमीन अपने दोस्त अडानी को बिजनेस करने के लिए दे दी. ये लोग धर्म नहीं, धंधे का काम कर रहे हैं.संजय सिंह ने कहा कि सोमवार को वक्फ पर आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला बाबा साहब डॉ. भीम राव अंबेडकर के लिखे गए संविधान में अलग-अलग धर्मों के लोगों को मिले अधिकार के अनुरूप है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि वक्फ बाई यूजर को रद्द करने पर रोक लगा दी गई है. अब जिलाधिकारी निर्णय नहीं करेगा कि कोई प्रॉपर्टी वक्फ की है या नहीं है. केंद्रीय वक्फ बोर्ड का सीईओ मुस्लिम समुदाय का होना अनिवार्य है. राज्य वक्फ बोर्ड में तीन से ज्यादा सदस्य किसी और धर्म के नहीं हो सकते. केंद्रीय वक्फ बोर्ड में अधिकतम चार सदस्य गैर मुस्लिम हो सकते हैं. बोर्ड में बहुमत मुस्लिम समुदाय के लोगों की ही होगी. पांच साल तक मुस्लिम रीति-रिवाज मानने वाला व्यक्ति ही वक्फ को दान कर सकता है, इसे भी सुप्रीम कोर्ट ने गलत माना है.संजय सिंह ने कहा कि इस फैसले से यह भी साफ हो गया है कि बेवजह के मुद्दों में केंद्र सरकार संसद सत्र का समय बर्बाद कर रही है. केंद्र सरकार ने गैर संवैधानिक बिल पर सदन में चर्चा कराई और समय बर्बाद किया. आखिर में सुप्रीम कोर्ट से सुप्रीम तमाचा पड़ा गया. विपक्ष इस मुद्दे पर सही था, लेकिन केंद्र सरकार ने विपक्ष की कोई बात नहीं सुनी. संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी का शुरुआत से स्टैंड रहा है कि वक्फ संशोधन बिल पूरी तरह से गैर संवैधानिक है और भारत में धर्म निरपेक्षता के ढांचे को बर्बाद करने की कोशिश है. यह धार्मिक संपत्तियों को कब्जा करके अपने पूंजीपति दोस्तों को देने की कोशिश है. इसलिए आम आदमी पार्टी ने शुरू से इस बिल का विरोध किया था.About the AuthorRakesh Ranjan Kumarराकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ेंराकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h... और पढ़ेंन्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।homenationवक्फ कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर संजय सिंह ने केंद्र सरकार को घेराऔर पढ़ें