मारपीट, दुर्घटना, एसिड अटैक या किसी भी कारण से होने वाले चोट के मामलों में अब फोटो अनिवार्य साक्ष्य होंगे। पुलिस और मेडिको–लीगल केस (एमएलसी) बनाने वाले डॉक्टर को घायल की चोटों के फोटो लेना जरूरी कर दिया गया है।