इस प्रकार के योग संयोग में महालय श्राद्धपक्ष के आखिरी दिन श्रद्धालु अपने पितरों की प्रति तीर्थ श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान कर सकते हैं। घर पर धूप ध्यान, ब्राह्मणों को भोजन, गायों का चारा, श्वान को अन्न का भाग, भिक्षुकों को अन्न अर्पण करने से भी पितृ प्रसन्न होकर सुख, समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।