हाथी अष्टमी पर गजलक्ष्मी का होगा दुग्धाभिषेक, घरों में मिट्टी से बने हाथी की पूजा की जाएगी

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धर्मकथा के अनुसार द्वापर युग में महारानी गांधारी व पांडवों की माता कुंती भी संतान के कल्याण के लिए भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि तक गजलक्ष्मी का व्रत करती थीं, इसी के अंतर्गत हाथी का पूजन किया जाता है।