लाहौर और बहावलपुर तक कैसे पहुंचा भारतीय सिम कार्ड, ISI ने किसे दिया था लालच?

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Edited by:Rakesh Ranjan KumarLast Updated:September 09, 2025, 23:04 ISTइम्पैक्ट शॉर्ट्ससबसे बड़ी खबरों तक पहुंचने का आपका शॉर्टकटआईएसआई ने नेपाली शख्स को नौकरी का लालच दिया था. (फाइल फोटो)नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस ने एक नेपाली नागरिक को गिरफ्तार किया है जिसपर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ‘इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस’ (आईएसआई) को जासूसी गतिविधियों के लिए भारतीय सिम कार्ड मुहैया कराने का आरोप है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. आईएसआई ने कथित तौर पर उसे अमेरिकी वीजा उपलब्ध कराने और पत्रकारिता में अवसर दिलाने का वादा करके प्रलोभन दिया था.अधिकारियों ने बताया कि आरोपी की पहचान नेपाल के बीरगंज निवासी प्रभात कुमार चौरसिया (43) के रूप में हुई है और उसे 28 अगस्त को पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर इलाके से एक गुप्त सूचना के बाद गिरफ्तार किया गया. उन्होंने बताया कि वीजा और नौकरी के अवसर के बदले में वह भारतीय सिम कार्ड उपलब्ध कराने और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) तथा सैन्य इकाइयों जैसे संवेदनशील रक्षा प्रतिष्ठानों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए सहमत हो गया.पुलिस उपायुक्त (विशेष प्रकोष्ठ) अमित कौशिक ने एक बयान में कहा, ‘चौरसिया ने आधार कार्ड का इस्तेमाल कर निजी दूरसंचार कंपनियों के कम से कम 16 सिम कार्ड खरीदे थे. उसने उन्हें नेपाल भेजा, जहां से सिम की तस्करी कर उन्हें आईएसआई के गुर्गों को सौंप दिया गया.’ उन्होंने कहा, ‘इनमें से 11 सिम कार्ड लाहौर, बहावलपुर और पाकिस्तान के अन्य स्थानों से सोशल मीडिया (व्हाट्सएप) पर सक्रिय रूप से इस्तेमाल किए जा रहे थे.’अधिकारी ने बताया कि ये सिम कार्ड आईएसआई के संचालकों द्वारा भारतीय सैन्यकर्मियों से संपर्क करने और सोशल मीडिया के माध्यम से जासूसी के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे. पुलिस के अनुसार, नेपाली नागरिक चौरसिया ने नेपाल और बिहार में पढ़ाई की. बाद में उसने सूचना प्रौद्योगिकी में बीएससी और कंप्यूटर हार्डवेयर एवं नेटवर्किंग में डिप्लोमा हासिल किया.पुलिस ने बताया कि विशेष प्रकोष्ठ थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 61(2) (आपराधिक साजिश) और 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्य) के तहत मामला दर्ज किया गया है. चौरसिया के सहयोगियों की पहचान करने, कूरियर नेटवर्क का पता लगाने और इसमें शामिल संचालकों को पकड़ने के लिए आगे की जांच की जा रही है.About the AuthorRakesh Ranjan Kumarराकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ेंराकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h... और पढ़ेंन्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।homenationलाहौर और बहावलपुर तक कैसे पहुंचा भारतीय सिम कार्ड, ISI ने किसे दिया था लालच?और पढ़ें