Nepal News Today: नेपाल में सोशल मीडिया पर बैन के खिलाफ़ भड़के हिंसक आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया, जिसे राष्ट्रपति ने मंजूर कर लिया. इसके बाद सेना ने सत्ता अपने हाथ में लेकर शांति बनाए रखने की अपील की. काठमांडू और नेपालगंज समेत कई शहरों में प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों, नेताओं के घरों और दफ्तरों पर हमला कर आग लगा दी. पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड, शेर बहादुर देवबा और संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरु के घरों को भी निशाना बनाया गया. हालात इतने बेकाबू हुए कि मंत्रियों को जान बचाने के लिए हेलिकॉप्टर से निकलना पड़ा. नेपाल की राजधानी काठमांडू में संसद भवन, सिंह दरबार और सर्वोच्च न्यायालय पर प्रदर्शनकारियों ने कब्जा जमा लिया. नेपालगंज में प्रदर्शनकारियों ने नगर पालिका दफ्तर में धावा बोला, मेयर की गाड़ी और दफ्तर में आग लगा दी. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सोशल मीडिया पर बैन के खिलाफ शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन सरकार ने गोलियां चलवा दीं, जिससे 22 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद पूरे नेपाल में विद्रोह शुरू हो गया. नेपालगंज में नेपाली कांग्रेस पार्टी के दफ्तर पर भी आगजनी और पत्थरबाजी हुई. काठमांडू में कर्फ्यू के बावजूद प्रदर्शन जारी रहा और सरकारी इमारतों को नुकसान पहुंचाया गया. पुलिस और सेना ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. नेपाल में भड़की हिंसा के कारण भारत ने नेपाल सीमा पर अलर्ट घोषित कर सीमा को बंद कर दिया. उत्तर प्रदेश और बिहार में सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है. इस आंदोलन के प्रमुख चेहरे सुदन गुरुंग और काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह थे, जिन्होंने युवाओं का दिल जीत लिया और नेपाल की सत्ता सौंपने की मांग शुरू कर दी.