आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, खराब लाइफस्टाइल और लगातार बढ़ते प्रदूषण का सीधा असर हमारी कोशिकाओं और इम्यून सिस्टम पर पड़ता है। इससे निपटने के लिए हमारा शरीर लगातार कोशिकाओं को रिपेयर करता रहता है। इस प्रक्रिया में एंटीऑक्सिडेंट्स अहम भूमिका निभाते हैं। ये नेचुरल कंपाउंड शरीर को फ्री रेडिकल्स के नुकसानदायक प्रभाव से बचाते हैं, जो समय के साथ कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। हमारा शरीर ग्लूटाथियोन, कोएंजाइम Q10 और यूरिक एसिड जैसे कई एंटीऑक्सिडेंट्स खुद बनाता है। लेकिन उनकी पर्याप्त मात्रा बनाए रखने के लिए डाइट से अतिरिक्त सपोर्ट जरूरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर डाइट हार्ट डिजीज, कुछ प्रकार के कैंसर और उम्र से जुड़ी बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद करती है। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में हम एंटीऑक्सिडेंट के बारे में विस्तार से बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. पूनम तिवारी, सीनियर डाइटीशियन, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ सवाल- एंटीऑक्सिडेंट क्या है? जवाब- एंटीऑक्सिडेंट एक ऐसा नेचुरल कंपाउंड है, जो शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करता है। फ्री रेडिकल्स हमारी कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे समय से पहले बुढ़ापा (एजिंग) और कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। एंटीऑक्सिडेंट्स फ्री रेडिकल्स को कंट्रोल करके कोशिकाओं को सुरक्षित रखते हैं और शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। विटामिन C, विटामिन E और बीटा-कैरोटीन जैसे न्यूट्रिएंट्स एंटीऑक्सिडेंट के उदाहरण हैं। सवाल- एंटीऑक्सिडेंट शरीर में जाकर क्या काम करता है और यह हेल्थ के लिए क्यों जरूरी है? जवाब- एंटीऑक्सिडेंट का मुख्य काम शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स को न्यूट्रलाइज करना है, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस पैदा कर कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे हार्ट डिजीज, कैंसर, डायबिटीज और समय से पहले बुढ़ापे का रिस्क कम होता है। साथ ही ये इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है और स्किन, आंखों व ब्रेन हेल्थ को भी सपोर्ट करता है। नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि एंटीऑक्सिडेंट शरीर में किस तरह से काम करता है। सवाल- ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस क्या है और यह शरीर को कैसे नुकसान पहुंचाता है? जवाब- हमारा शरीर नेचुरली फ्री रेडिकल्स नामक छोटे अणु बनाता है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन सूरज की तेज किरणें, लगातार स्ट्रेस, जंक फूड, स्मोकिंग जैसी आदतें और बाहरी प्रदूषण फ्री रेडिकल्स की मात्रा को असामान्य रूप से बढ़ा देते हैं। जब शरीर में फ्री रेडिकल्स की मात्रा ज्यादा हो जाती है और उन्हें बैलेंस करने के लिए पर्याप्त एंटीऑक्सिडेंट्स मौजूद नहीं होते तो इस स्थिति को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कहते हैं। यह असंतुलन कोशिकाओं, प्रोटीन और डीएनए को नुकसान पहुंचाता है। इसकी वजह से कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। जैसेकि- इसीलिए डॉक्टर एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर फूड्स खाने की सलाह देते हैं क्योंकि ये फ्री रेडिकल्स को बेअसर करते हैं। सवाल- क्या सिर्फ फूड के जरिए ही एंटीऑक्सिडेंट मिलता है या इसका सप्लीमेंट भी होता है? जवाब- एंटीऑक्सिडेंट हमें दो तरह से मिल सकते हैं। नेचुरल सोर्स: फल, सब्जियां, नट्स, बीज, ग्रीन टी, डार्क चॉकलेट जैसे फूड्स में भरपूर एंटीऑक्सिडेंट पाए जाते हैं। सप्लीमेंट्स: मार्केट में विटामिन C, विटामिन E, बीटा-कैरोटीन, सेलेनियम आदि के कैप्सूल व पाउडर उपलब्ध हैं। हालांकि एक्सपर्ट का मानना है कि नेचुरल फूड से मिला एंटीऑक्सिडेंट ज्यादा असरदार और सुरक्षित होता है। वहीं सप्लीमेंट का इस्तेमाल सिर्फ डॉक्टर की सलाह से करना चाहिए क्योंकि इसका ज्यादा डोज शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। सवाल- किस तरह के फूड्स में एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं? जवाब- एंटीऑक्सिडेंट्स कई तरह के रंग-बिरंगे और हेल्दी फूड्स में पाए जाते हैं। खासतौर पर वे फूड्स, जो विटामिन C, E, बीटा-कैरोटीन और पॉलीफिनॉल से भरपूर होते हैं, उनमें एंटीऑक्सिडेंट पाया जाता है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- क्या ज्यादा एंटीऑक्सिडेंट का सेवन नुकसानदायक भी हो सकता है? जवाब- एंटीऑक्सिडेंट्स हेल्थ के लिए जरूरी हैं। लेकिन इसका ज्यादा सेवन खासकर सप्लीमेंट्स के रूप में नुकसान पहुंचा सकता है। जरूरत से ज्यादा एंटीऑक्सिडेंट शरीर में फ्री रेडिकल्स के प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ देते हैं, जिससे मेटाबॉलिक प्रोसेस धीमा, इम्यून सिस्टम कमजोर और कुछ मामलों में टॉक्सिक रिएक्शन भी हो सकता है। इसलिए इन्हें नेचुरल फूड्स के जरिए ही लेना बेहतर है, न कि बिना जरूरत सप्लीमेंट्स से। सवाल- किन फूड्स में एंटीऑक्सिडेंट्स की मात्रा अच्छी है, इसकी पहचान कैसे कर सकते हैं? जवाब- इसका अंदाजा फूड्स के रंग और ताजगी से लगाया जा सकता है। आमतौर पर गहरे और चमकीले रंग के फल और सब्जियां (जैसे ब्लूबेरी, पालक, टमाटर, अनार) एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होते हैं। इसके अलावा ऑरैक वैल्यू (Oxygen Radical Absorbance Capacity) एक लैब टेस्ट है, जो बताता है कि फूड में कितने एंटीऑक्सिडेंट्स हैं। हालांकि यह जानकारी अक्सर पैकेजिंग या न्यूट्रिशन डेटा में मिलती है। सवाल- एंटीऑक्सिडेंट रिच बैलेंस्ड और हेल्दी डाइट कैसी होनी चाहिए? जवाब- एक संतुलित और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर डाइट में सभी फूड ग्रुप्स का सही अनुपात होना चाहिए ताकि शरीर को विटामिन, मिनरल्स और फाइटोन्यूट्रिएंट्स पर्याप्त मात्रा में मिलें। इनमें विटामिन C युक्त फल, रंग-बिरंगी सब्जियां, ब्राउन राइस, ओट्स, साबुत अनाज, दालें, राजमा, चना, अंडे, मछली, चिकन, नट्स और सीड्स शामिल करें। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- कौन से फूड्स में एंटीऑक्सिडेंट बिल्कुल भी नहीं होता है? जवाब- जिन फूड्स में प्रोसेसिंग, रिफाइनिंग और प्रिजर्वेशन बहुत ज्यादा किया जाता है, उनमें एंटीऑक्सिडेंट्स नहीं होते है। जैसेकि- सवाल- एंटीऑक्सिडेंट्स सप्लीमेंट्स की जरूरत कब पड़ती है? जवाब- आमतौर पर बैलेंस्ड डाइट से पर्याप्त एंटीऑक्सिडेंट मिल जाते हैं। लेकिन कुछ स्थितियों में डॉक्टर सप्लीमेंट लेने की सलाह दे सकते हैं। जैसेकि- .......................... जरूरत की ये खबर भी पढ़िए जरूरत की खबर- पीरियड्स में न खाएं स्पाइसी फूड्स: बढ़ सकते हैं क्रैंप्स और ब्लोटिंग, डॉक्टर से जानें पीरियड्स में कैसी हो डाइट पीरियड्स के दौरान महिलाओं के शरीर में कई फिजिकल और हाॅर्मोनल बदलाव होते हैं, जो दर्द, थकान और पाचन संबंधी समस्याओं का कारण बनते हैं। ऐसे में सही डाइट न केवल इन समस्याओं को कम करती है, बल्कि एनर्जी और संतुलन भी बनाए रखती है। पूरी खबर पढ़िए....