Edited by:Rakesh Ranjan KumarLast Updated:September 12, 2025, 19:59 ISTइम्पैक्ट शॉर्ट्ससबसे बड़ी खबरों तक पहुंचने का आपका शॉर्टकटमराठा आरक्षण को लेकर मनोज जरांगे ने आंदोलन किया था. (फाइल फोटो)लातूर. महाराष्ट्र में ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रहे तनाव और राजनीति के बीच, महाराष्ट्र सरकार के मंत्री छगन भुजबल ने लातूर का दौरा किया. उन्होंने आत्महत्या करने वाले युवक भरत कराड के परिवार से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी. पत्रकारों से बात करते हुए भुजबल ने कहा कि “ओबीसी को आरक्षण दिलाने के लिए पहले कुर्बानी देनी पड़ी थी और अब रिजर्वेशन बचाने के लिए भी कुर्बानी देनी पड़ रही है.”छगन भुजबल ने स्पष्ट किया कि सरकार ओबीसी समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी कीमत पर उनका हक छिनने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा, “पूरा मराठा समुदाय पिछले दरवाजे से इस आरक्षण में प्रवेश कर रहा है, और हम इसके लिए लड़ रहे हैं. जिसने आत्महत्या की वह हमारा एक ओबीसी का कार्यकर्ता था. वह सभी पार्टी की सभी बैठकों में जाता था.”भुजबल ने कहा कि भरत कराड को लगने लगा था कि हम लोग खत्म हो गए हैं, हम लोगों को कुछ नहीं मिलने वाला है. त्रस्त होने के बाद उसने आत्महत्या की. हमने लोगों को समझाया है कि कोई डरे नहीं, हम सबके साथ खड़े हैं. उन्होंने बताया कि सरकार के सामने हमने सारी बातें रखी हैं. जगह-जगह शांति के मोर्चे निकाले जा रहे हैं, और हम लोग हाईकोर्ट भी जाने वाले हैं. लोग परेशान न हों.वहीं इससे पहले 29 अगस्त को मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मुंबई में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की थी. हालांकि, पांचवें दिन सरकार ने उनकी मांगें मान लीं और जीआर जारी कर दिया था. इस दौरान हजारों लोग मुंबई पहुंचे थे, जिससे शहर में भारी जाम और जनजीवन बाधित हुआ था.वहीं 3 सितंबर को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के हितों को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने एक नई उप-समिति का गठन किया था. इस नई उप-समिति की कमान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता चंद्रशेखर बावनकुले को सौंपी गई थी. वे इस समिति के अध्यक्ष हैं. समिति में कुल 8 सदस्य शामिल किए गए हैं, जो राज्य की तीन प्रमुख सत्ताधारी पार्टियों से आते हैं.इस समिति का मुख्य उद्देश्य ओबीसी समाज की स्थिति का आकलन करना और उनके कल्याण के लिए योजनाएं बनाना है. इसमें शिक्षा, रोजगार, आर्थिक सशक्तीकरण और सामाजिक उत्थान जैसे मुद्दों पर विशेष फोकस किया जाएगा.About the AuthorRakesh Ranjan Kumarराकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ेंराकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h... और पढ़ेंन्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।homenationपहले OBC रिजर्वेशन पाने के लिए दी कुर्बानी और अब... मराठा आरक्षण पर जंग बाकी!और पढ़ें