मणिपुर में भले ही हिंसा का दौर थम गया है, गोलीबारी शांति हो गई है. लोग अपने सामान्य जीवन में लौट गए हैं, लेकिन कुकी और मैतेई समुदाय के बीच की खाई अभी तक नहीं पटी है. दोनों समुदायों के लिए एक दूसरे के क्षेत्र में एंट्री नहीं कर पा रहे हैं. हिंसा के दौरान बने बफर जोन में सुरक्षाबलों की ओर से सिक्योरिटी प्रदान की जा रही है, चुराचांदपुर के लोग दिल्ली आने के लिए इंफॉल जाने की बजाय मिजोरम से फ्लाइट पकड़ते हैं, जो कि उनके लिए काफी महंगा साबित होता है.