सुप्रीम कोर्ट बोला-राजनीतिक दलों के जरिये मनी लॉन्ड्रिंग गंभीर मामला:ठोस कानून क्यों नहीं; चुनाव आयोग और केंद्र से 3 नवंबर तक जवाब मांगा

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ऐसे राजनीतिक दल जो इनएक्टिव हैं उनके जरिए टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग गंभीर मुद्दा है। कोर्ट ने कहा कि यह सीधे लोकतंत्र और चुनाव प्रक्रिया की पवित्रता जुड़ा है। कोर्ट ने चुनाव आयोग, विधि आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर 3 नवंबर तक जवाब मांगा है। कोर्ट ने पूछा कि दलों के पंजीकरण और नियमन के लिए अब तक ठोस कानून क्यों नहीं बनाया गया। एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने जनहित याचिका दाखिल की है। इसमें दैनिक भास्कर की दो खबरों का भी उल्लेख है। याचिका में कहा गया है कि आयकर विभाग की छापामारी में दो दलों इंडियन सोशल पार्टी और युवा भारत आत्म निर्भर दल के जरिए 500 करोड़ के फर्जी चंदे का मामला सामने आया था। नेशनल सर्व समाज पार्टी के जरिए 271 करोड़ का लेन-देन पकड़ा गया था। आरोप है कि हवाला और कमीशनखोरी के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के लिए ही ये दल बनाए गए थे। इनका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं। याचिकाकर्ता की दलील- 90% दल कभी चुनाव नहीं लड़तेयाचिका के अनुसार करीब 90% दल कभी चुनाव नहीं लड़ते। 20% तक कमीशन वसूलकर टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग करते हैं। याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों के पंजीकरण और कामकाज को लेकर स्पष्ट नियम बनाने के निर्देश दे। आंतरिक लोकतंत्र, फंडिंग की पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। 2024 में देश में 2,800 से ज्यादा दल थे, चुनाव सिर्फ 690 ने ही लड़ादेश में 6 राष्ट्रीय व 67 क्षेत्रीय दल हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव के समय 2,800 से ज्यादा रजिस्टर्ड गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल थे। एडीआर के मुताबिक इनमें से सिर्फ 690 ने ही चुनाव लड़ा। यानी अधिकांश चुनावी राजनीति में सक्रिय नहीं हैं। इस साल अगस्त तक चुनाव आयोग 334 ऐसे दल डीलिस्ट कर चुका है। अब भी 2,520 रजिस्टर्ड गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल बचे हुए हैं। 2011 में पूर्व मुख्य न्यायाधीश एमएन वेंकटचलैया की अध्यक्षता में एक समिति ने पॉलिटिकल पार्टीज (रेगुलेशन ऑफ अफेयर्स) बिल का ड्राफ्ट तैयार किया था। लेकिन यह आगे नहीं बढ़ पाया। ---------------------- ये खबर भी पढ़ें... देश में एक साथ SIR की तैयारी में आयोग: दो लाख नए BLO जुड़ेंगे मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर बिहार में उठे राजनीतिक विवाद के बीच देशभर में इस कवायद की तैयारी है। चुनाव आयोग सभी राज्यों में एक साथ SIR करवाना चाहता है। हालांकि, बिहार से मिले अनुभवों के आधार पर आयोग अपनी प्रक्रियाओं में भी कुछ सुधार करेगा। पूरी खबर पढ़ें...