हरका गांव पश्चिम चंपारण में है, जहां 800 आबादी में सिर्फ 2 लोग दसवीं पास हैं. आजादी के 78 साल बाद भी कोई सरकारी नौकरी नहीं, सभी दिहाड़ी मजदूर हैं, महिलाएं भी काम करती हैं.