काठमांडू की गलियों में एक बार फिर गुस्से की आग धधक रही है. संसद भवन से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक को छात्रों ने घेर लिया है. युवाओं में एक ऐसा आक्रोश है, जिसने सत्ता की बुनियाद को हिला दिया है और नेपाल की अस्थिर राजनीति को फिर कटघरे में खड़ा कर दिया है. मानो नेपाल की राजनीति अस्थिरता के ऐसे दलदल में फंसी है, जहां से निकलना पिछले 17 सालों में किसी भी सरकार के लिए संभव नहीं हो पाया.