चुनाव आयोग ने कहा कि आदर्श आचार संहिता के प्रावधान इंटरनेट और सोशल मीडिया पर डाले जाने वाले सभी प्रचार-सामग्री पर भी लागू होते हैं। दूसरे दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना अपुष्ट आरोपों या तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश नहीं किया जाना चाहिए।