जूता फेंकने वाली घटना को CJI बी.आर. गवई ने 'भूला हुआ अध्याय' बताया। वहीं, उनके साथी न्यायाधीशों ने इस कृत्य को सर्वोच्च न्यायालय का अपमान बताया।