पिछले पांच साल में पांच लाख से ज़्यादा भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी है. यही नहीं, भारत उन शीर्ष पांच देशों में भी शामिल है जहां से करोड़पतियों का बड़ी तादाद में पलायन हो रहा है.