गोड्डा के आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. नवीन कुमार भारती बताते हैं यह औषधि सदियों से चिकित्सा में इस्तेमाल होता आ रहा है. पुराने जमाने में जब अंग्रेजी दवाएं नहीं थीं, तब चर्म रोग या रक्त संबंधी बीमारियों में लोग इसी ही उपयोग करते थे.