वर्ल्ड अपडेट्स:लश्कर आतंकी सैफुल्लाह कसूरी की भारत को धमकी, आसिम मुनीर से कहा- मोदी को सबक सिखाओ

Wait 5 sec.

लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकी और पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड सैफुल्लाह कसूरी ने एक वीडियो में भारत और पीएम मोदी को धमकी दी है। कसूरी ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसीम मुनीर को से कहा कि वह पीएम मोदी को 10 मई 2025 की तरह सबक सिखाएं। कसूरी ने पाकिस्तान में हाल ही में आई बाढ़ के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है। सैफुल्लाह कसूरी LeT संस्थापक हाफिज सईद का करीबी है। इससे पहले 17 सितंबर को कसूरी ने टेलीग्राम पर वीडियो जारी कर भारत और पीएम मोदी को अंजाम भुगतने की धमकी दी थी। वीडियो में, कसूरी ने चेतावनी दी कि जम्मू-कश्मीर में भारतीय बांधों, नदियों और इलाकों पर कब्जा करने की कोशिशें की जाएगी। कसूरी ने खुलासा किया कि पाकिस्तान सरकार और सेना आतंकवादी संगठन को मुरीदके में अपना मुख्यालय फिर से बनाने के लिए धन मुहैया करा रही है, जिसे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तबाह कर दिया गया था। अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़ीं ये खबरें भी पढ़ें... पीएम मोदी ने पुतिन को जन्मदिन पर फोन करके बधाई दी, भारत आने का न्योता भी दिया पीएम मोदी ने मंगलवार को रूसी राष्ट्रपति पुतिन को उनके 73वें जन्मदिन पर फोन करके बधाई दी। उन्होंने पुतिन को अच्छी सेहत और कामयाबी की शुभकामनाएं दीं। दोनों नेताओं ने भारत-रूस की दोस्ती को और मजबूत करने की बात की। मोदी ने पुतिन को भारत आने का न्योता दिया, जहां वे एक बड़ी बैठक में हिस्सा लेंगे। पुतिन इस साल दिसंबर में भारत आएंगे। यह यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब भारत और रूस अपनी साझेदारी को और मजबूत कर रहे हैं, जबकि अमेरिका भारत पर रूस से तेल खरीदने की वजह से आर्थिक दबाव बढ़ा रहा है। पुतिन ने आखिरी बार 06 दिसंबर 2021 में भारत की यात्रा की थी। तब वे सिर्फ 4 घंटे के लिए भारत आए थे। इस दौरान भारत और रूस के बीच 28 समझौते पर दस्तखत हुए थे। इसमें मिलिट्री और तकनीकी समझौते थे। PM मोदी ने साल 2024 में दो बार रूस की यात्रा की थी। वे BRICS समिट के लिए 22 अक्टूबर को रूस गए थे। इससे पहले जुलाई में भी मोदी ने दो दिन का रूस दौरा किया था। तब उन्होंने पुतिन को भारत आने का न्योता दिया था। पाकिस्तान में बलूचिस्तान सीमा के पास जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हमला हुआ, 6 डिब्बे पटरी से उतरे पाकिस्तान में सिंध और बलूचिस्तान की सीमा के पास सुल्तानकोट इलाके में मंगलवार को जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हमला हुआ। यह ट्रेन क्वेटा जा रही थी, तभी पटरियों पर लगाए गए विस्फोटक में धमाका हो गया। धमाके की वजह से ट्रेन के 6 डिब्बे पटरी से उतर गए। बलूच रिपब्लिकन गार्ड्स (BRG) ने रिमोट कंट्रोल से किए गए इस IED हमले की ज़िम्मेदारी ली है। इस विस्फोट में ट्रेन में सवार पाकिस्तानी सेना के जवानों को निशाना बनाया गया था। BRG ने कहा कि बलूचिस्तान की आजeदी मिलने तक ऐसे हमले जारी रहेंगे। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि घटना के समय ट्रेन में 270 लोग सवार थे। यह उसी इलाके में मात्र 10 घंटों के भीतर हुआ दूसरा विस्फोट है। बचाव दल और सुरक्षा बल मौके पर पहुंचकर राहत कार्य कर रहे हैं, घायलों का इलाज किया जा रहा है और अधिकारी हमले की जांच में जुटे हैं। जाफर एक्सप्रेस को इससे पहले भी कई बार निशाना बनाया जा चुका है। मार्च 2025 में बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के उग्रवादियों ने बोलान पास में जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया था। उन्होंने 400 से ज्यादा यात्रियों को बंधक बना मलेशिया के सरकारी प्रोग्राम में शराब परोसी गई, विपक्षी पार्टियों ने इस्तीफा मांगा मलेशिया में एक सरकारी कार्यक्रम ग्लोबल ट्रैवल मीट 2025 में डिनर के दौरान शराब परोसे जाने को लेकर बड़ा विवाद शुरू हो गया है। इसमें मुस्लिम मेहमान भी मौजूद थे, ऐसे में लोग इससे बेहद नाराज हैं। इस कार्यक्रम को पर्यटन मंत्री तियोंग किंग सिंग ने मंजूरी दी थी इसलिए विपक्षी पार्टियां उनसे इस्तीफा मांग रही है। मलेशिया में सरकारी आयोजनों में शराब पीना सख्त रूप से मना है। जब विवाद बढ़ा, तो मंत्री तियोंग ने सफाई दी कि सरकार का इस आयोजन से कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम को कुछ बिजनेसमैन ने फंडिंग किया था। इस विवाद ने प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम की सरकार के सामने फिर से सांस्कृतिक और धार्मिक तनाव का मुद्दा खड़ा कर दिया है। पिछले कुछ सालों में मलेशिया में कट्टरपंथ बढ़ता जा रहा है। मलेशिया की लगभग 3.4 करोड़ की आबादी में करीब 60 प्रतिशत लोग मलय-मुस्लिम हैं। इस बीच मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने पर्यटन, कला और संस्कृति मंत्री तियोंग किंग सिंग और उनके मंत्रालय को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने साफ कहा कि ऐसा दोबारा नहीं होना चाहिए। इजराइल ने 170 कार्यकर्ताओं को ग्रीस और स्लोवाकिया निर्वासित किया, ग्रेटा थनबर्ग भी शामिल इजराइल ने सोमवार को गाजा जाने वाली ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला के 170 कार्यकर्ताओं को ग्रीस और स्लोवाकिया निर्वासित कर दिया है। इनमें स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग भी शामिल है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, ये कार्यकर्ता ग्रीस, इटली, फ्रांस, आयरलैंड, स्वीडन, जर्मनी, ब्रिटेन, अमेरिका और अन्य देशों से थे। मंत्रालय ने एक तस्वीरें साझा कीं है, जिनमें थनबर्ग और अन्य लोग दक्षिणी इजराइल के रेमन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जेल की ग्रे वर्दी और सफेद टी-शर्ट में दिखे। अब तक 341 कार्यकर्ताओं को निर्वासित किया जा चुका है, जबकि 138 अभी बाकी हैं। वहीं, 6 अक्टूबर को एथेंस हवाई अड्डे पर कार्यकर्ताओं ने थनबर्ग का स्वागत करने के लिए फिलिस्तीनी झंडा लहराया और फिलिस्तीन के लिए आजादी के नारे लगाए। थनबर्ग ने इसे इजराइल की अवैध और अमानवीय नाकाबंदी तोड़ने की सबसे बड़ी कोशिश बताया और इसे शर्मनाक करार देते हुए इजराइल पर फिलिस्तीनियों के नरसंहार का आरोप लगाया। इजराइल ने नरसंहार के आरोपों को खारिज किया और कहा कि वह नागरिकों को नुकसान से बचाने की पूरी कोशिश करता है। इजराइल का कहना है कि गाजा की नाकाबंदी हमास को हथियारों की आपूर्ति रोकने के लिए है। थनबर्ग और अन्य कार्यकर्ताओं ने इजराइली हिरासत में दुर्व्यवहार की शिकायत की। स्पेनिश कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि उन्हें पीटा गया और अपमानित किया गया। ट्रम्प ने अमेरिका में आने वाले ट्रकों पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने की घोषणा की, 1 नवंबर से लागू होगा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को मीडियम और हैवी ट्रकों पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने की घोषणा की है। ये 1 नवंबर से लागू होगा। पहले यह शुल्क 1 अक्टूबर से लागू होने वाला था, लेकिन अब इसे एक महीने टाल दिया गया है। ट्रम्प ने अपने ट्रुथ सोशल अकाउंट पर लिखा, '1 नवंबर 2025 से, दूसरे देशों से अमेरिका आने वाले सभी मध्यम और भारी वाहन ट्रकों पर 25% शुल्क लगेगा।' अमेरिका में ज्यादातर ट्रक पड़ोसी देश कनाडा और मेक्सिको से आते हैं, जहां पहले से ही व्यापार समझौता है। अमेरिकी वाणिज्य विभाग के अनुसार, पिछले साल अमेरिका ने 2 लाख 45 हजार 764 मध्यम और भारी वाहन ट्रक खरीदे, जिनमें से अधिकांश कनाडा और मेक्सिको से आए। इनकी कुल कीमत 201 अरब डॉलर रही, जिसमें कनाडा से 45 अरब और मेक्सिको से 156 अरब डॉलर का योगदान था। अमेरिकी ऑटोमोबाइल बाजार में ये ट्रक कुल वाहनों के सिर्फ 5% हिस्से के हैं। लेकिन एसएंडपी ग्लोबल की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तरी अमेरिका में इनकी मांग का लगभग 80% अमेरिका ही पूरा करता है। इन ट्रकों को वजन के आधार पर बांटा जाता है। मध्यम ट्रक का वजन 14,000 से 33,000 पाउंड के बीच होता है, जबकि 33,000 पाउंड से ज्यादा वजन वाले को भारी ट्रक कहा जाता है। अमेरिका में ये मुख्य रूप से लॉजिस्टिक्स (माल ढुलाई), निर्माण कार्य और कचरा प्रबंधन के लिए इस्तेमाल होते हैं। पाकिस्तान ने अमेरिका को खनिजों की पहली खेप भेजी:इमरान खान की पार्टी विरोध में, कहा- सीक्रेट सौदे से देश के हालत बिगड़ेंगे पाकिस्तान ने पहली बार अमेरिका को दुर्लभ खनिजों की छोटी खेप भेजी है। ये खनिज पिछले महीने अमेरिकी कंपनी यूएस स्ट्रैटेजिक मेटल्स (USSM) के साथ हुए 50 करोड़ डॉलर के सौदे के तहत भेजे गए। हालांकि इन्हें भेजने की टाइमिंग नहीं पता चल पाई है। इस सौदे का मकसद पाकिस्तान में खनिजों की खोज और प्रोसेसिंग के लिए कारखाने बनाना है। ये नमूने पाकिस्तानी सेना की ब्रांच फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गेनाइजेशन (FWO) की मदद से तैयार किए गए। USSM ने इसे पाकिस्तान और अमेरिका के बीच दोस्ती का बड़ा कदम बताया। कंपनी का कहना है कि यह समझौता खनिजों की खोज से लेकर प्रोसेसिंग तक सब कुछ कवर करता है। पूरी खबर यहां पढ़ें... UN में भारत बोला-पाकिस्तान अपने लोगों पर बम गिराता है:जिनकी सेना 4 लाख महिलाओं से रेप करे, उन्हें दूसरों को सिखाने का हक नहीं भारत ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में कश्मीर को लेकर झूठे प्रचार करने पर पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की। ओपन डिबेट के दौरान संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने कहा, 'पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो अपने ही लोगों पर बम गिराता है और नरसंहार करता है।' हरीश ने कहा, 'जो अपने लोगों पर बम गिराए और 4 लाख महिलाओं के साथ रेप जैसा अमानवीय अपराध करे, उसे दूसरों को सिखाने का कोई अधिकार नहीं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दुनिया का ध्यान भटकाने और गुमराह करने के लिए झूठ और बढ़ा-चढ़ाकर बातें करता है।' पूरी खबर यहां पढ़ें... फिजिक्स के नोबेल की घोषणा आज:क्वांटम कंप्यूटिंग या नैनोटेक्नोलॉजी पर रिसर्च को मिल सकता है; अब तक भारत से जुड़े 2 लोगों को सम्मान स्वीडन में आज फिजिक्स के नोबेल पुरस्कार की घोषणा होगी। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज दोपहर 3:15 बजे विजेताओं के नाम का ऐलान करेगी। फिजिक्स का नोबेल उन वैज्ञानिकों को मिलता है जिनकी खोजें हमारे ब्रह्मांड, प्रकृति या तकनीक को समझने में बड़ा बदलाव लाती हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में अनुमान लगाया गया है कि इस बार क्वांटम कंप्यूटिंग, नैनोटेक्नोलॉजी या ऊर्जा के नए सोर्स जैसी खोज को पुरस्कार मिल सकता है। पूरी खबर यहां पढ़ें... 6 अक्टूबर के वर्ल्ड अपडेट्स यहां पढ़ें...