अगर आप सोने के गहने खरीदने की सोच रहे हैं तो सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि सोना कितने कैरेट का लेना चाहिए। बाजार में 14, 18, 22 और 24 कैरेट की गोल्ड ज्वेलरी मिलती है और हर कैरेट का अपना महत्व है। कैरेट बढ़ने के साथ इनकी कीमत भी बढ़ती है। अक्सर लोग सिर्फ डिजाइन देखकर गहना खरीद लेते हैं, लेकिन कैरेट, शुद्धता और हॉलमार्क जैसे अहम पहलुओं को नजरअंदाज करते हैं। नतीजा यह होता है कि बाद में बेचने या एक्सचेंज करने पर नुकसान उठाना पड़ता है। आज हम 'आपका पैसा' कॉलम में जानेंगे कि- सवाल- गोल्ड में कैरेट का क्या मतलब होता है? जवाब- कैरेट सोने की शुद्धता को मापने की इकाई है। शुद्ध सोना 24 कैरेट माना जाता है यानी इसमें कोई अन्य धातु नहीं मिलाई जाती है। शुद्ध सोना बहुत मुलायम होता है। इसलिए गहने बनाने के लिए इसमें तांबा, चांदी, जिंक जैसी धातुएं मिलाई जाती हैं। इसमें जितनी दूसरी धातु मिलाई जाती है, सोने की कैरेट वैल्यू घटती जाती है। उदाहरण के लिए 22 कैरेट गोल्ड में 91.6% शुद्ध सोना होता है और बाकी दूसरी धातु। इसी तरह 18 कैरेट गोल्ड में 75% सोना और बाकी मिश्र धातु होती है। सवाल- कौन सा सोना सबसे शुद्ध होता है? जवाब- 14, 18, 22 और 24 कैरेट गोल्ड अलग-अलग चीजों के लिए इस्तेमाल होता है। यह सोने की शुद्धता का पैमाना है। आइए इसे ग्राफिक के जरिए समझते हैं। सवाल- कितने कैरेट गोल्ड गहनों के लिए सबसे बेहतर माना जाता है? जवाब- अगर आप शादी-ब्याह या त्योहारों के लिए पारंपरिक गहने खरीदना चाहते हैं तो 22 कैरेट गोल्ड सबसे अच्छा विकल्प है, क्योंकि इसमें शुद्धता भी रहती है और मजबूती भी होती है। वहीं, अगर आप डिजाइनर ज्वेलरी, डायमंड सेटिंग या रोजमर्रा में पहनने के लिए गहने लेना चाहते हैं, तो 18 कैरेट या 14 कैरेट बेहतर माने जाते हैं। इनसे बनाई गई डिजाइन लंबे समय तक मजबूत बनी रहती हैं। सवाल- कैरेट बदलने से गोल्ड की कीमत पर कितना असर पड़ता है? जवाब- सोने की कैरेट जितनी ज्यादा होगी, उसकी कीमत भी उतनी ही ज्यादा होगी। 24 कैरेट गोल्ड सबसे महंगा होता है, क्योंकि इसमें शुद्ध सोना लगभग 100% होता है। वहीं, 22 कैरेट उससे थोड़ा सस्ता और 18 व 14 कैरेट उससे और सस्ते मिलते हैं। यही वजह है कि रोजमर्रा के इस्तेमाल की ज्वेलरी में लोग 18 या 14 कैरेट चुनते हैं ताकि कीमत भी कम रहे और मजबूती भी बनी रहे। सवाल- ज्वेलरी खरीदते समय हॉलमार्क देखना क्यों जरूरी है? जवाब- हॉलमार्क सोने की शुद्धता का सरकारी प्रमाणपत्र है। भारत में BIS यानी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स की हॉलमार्किंग अनिवार्य है। इससे ये भरोसा किया जा सकता है कि ज्वेलरी में उतने ही कैरेट सोना है, जितना बताया गया है। इससे नकली या मिलावटी सोने के धोखे से बचा जा सकता है। भविष्य में यह सोना बाजार में बेचने या एक्सचेंज करने पर सही वैल्यू भी मिलती है। सवाल- अलग-अलग कैरेट के गहनों की मजबूती और टिकाऊपन में क्या अंतर होता है? जवाब- जितना ज्यादा कैरेट, उतना ज्यादा सोना और उतना ही मुलायम गहना बनेगा। यही कारण है कि 24 कैरेट गोल्ड से ज्वेलरी नहीं बनाई जाती है। इसकी डिजाइन हल्के दबाव या ठोकर से बदल सकती है। अगर टिकाऊपन की बात करें तो कम कैरेट वाला गोल्ड ज्यादा मजबूत होता है, क्योंकि उसमें मिश्रित धातु की मात्रा ज्यादा होती है। यही वजह है कि 14 और 18 कैरेट गोल्ड रोजाना पहनने वाली ज्वेलरी के लिए बेहतर हैं, जबकि 22 कैरेट खास मौकों और परंपरागत गहनों के लिए अच्छा है। सवाल- गोल्ड ज्वेलरी खरीदते समय किन 5 जरूरी बातों को ध्यान रखना चाहिए? जवाब- गोल्ड ज्वेलरी के रूप में हो कॉइन और बिस्किट के रूप में खरीदते समय कुछ जरूरी बातें जरूर ध्यान में रखें। इससे आप नुकसान से बचें रहेंगे। आइए इसे ग्राफिक के जरिए समझते हैं। सवाल- रोजमर्रा में पहनने के लिए कितने कैरेट का गोल्ड सही रहेगा? जवाब- अगर आप रोजाना पहनने के लिए ज्वेलरी खरीद रहे हैं, जैसे कि चेन, ब्रेसलेट, रिंग या ऑफिस-वियर ज्वेलरी तो 14 कैरेट या 18 कैरेट गोल्ड सबसे सही विकल्प है। ये मजबूत होते हैं, आसानी से टूटते नहीं और बार-बार पहनने से जल्दी खराब भी नहीं होते हैं। वहीं, 22 कैरेट गोल्ड रोजाना के बजाय शादी या खास मौकों पर पहनने के लिए बेहतर है। सवाल- गोल्ड ज्वेलरी की शुद्धता खुद कैसे जांच सकते हैं? जवाब- अगर आप तुरंत जांचना चाहते हैं, तो BIS Care ऐप डाउनलोड करें। इसमें आप हॉलमार्क नंबर डालकर देख सकते हैं कि गहना असली है या नकली है। इसके अलावा ज्वेलरी स्टोर्स में जाकर शुद्धता जांचने के लिए टचस्टोन टेस्ट या XRF मशीन टेस्ट भी करवा सकते हैं। इससे यह पता चलता है कि गहने में कितने प्रतिशत शुद्ध सोना है। सवाल- क्या सोने की ज्वेलरी एक्सचेंज करते समय नुकसान होता है? जवाब- हां, ज्यादातर ज्वेलर्स पुराने गहनों को एक्सचेंज करते समय मेकिंग चार्ज काट लेते हैं और केवल सोने के शुद्ध वजन के हिसाब से नई ज्वेलरी देते हैं। अगर आपकी पुरानी ज्वेलरी बिना हॉलमार्क की है, तो शुद्धता जांचने के बाद उसका मूल्य तय किया जाता है, जो कभी-कभी कम निकलता है। इसलिए हमेशा हॉलमार्क और बिल संभालकर रखें, ताकि एक्सचेंज में सही वैल्यू मिले। सवाल- इन्वेस्टमेंट के लिए कितने कैरेट का गोल्ड खरीदना चाहिए? जवाब- निवेश के लिए गोल्ड खरीदते समय आमतौर पर 22 कैरेट का गोल्ड सबसे उपयुक्त माना जाता है। 22 कैरेट गोल्ड में शुद्धता अधिक होती है। इसलिए इसका निवेश मूल्य स्थिर और पारंपरिक तौर पर स्वीकार्य होता है। 14 या 18 कैरेट गोल्ड में मिश्र धातु ज्यादा होती है, जिससे शुद्ध सोने का मूल्य कम होता है और निवेश के लिए यह उतना लाभकारी नहीं माना जाता है। वहीं, 24 कैरेट गोल्ड शुद्ध तो है, लेकिन इसका गहनों में इस्तेमाल मुश्किल और नाजुक होता है। सवाल- क्या निवेश के लिए डिजिटल गोल्ड बेहतर विकल्प है? जवाब- डिजिटल गोल्ड भी निवेश के लिए एक अच्छा विकल्प है क्योंकि इसमें चोरी, जगह की कमी या गुणवत्ता की चिंता नहीं होती है। डिजिटल गोल्ड में आप छोटे निवेश से भी शुरुआत कर सकते हैं, इसे तुरंत बेचना या खरीदना आसान है और यह वास्तविक सोने के मूल्य पर आधारित होता है, जिससे लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न मिल सकता है। ……………… ये खबर भी पढ़िए आपका पैसा- दिवाली शॉपिंग में क्रेडिट कार्ड मैनेजमेंट: फाइनेंशियल एक्सपर्ट से जानें 10 डेट मैनेजमेंट टिप्स, 8 जरूरी सावधानियां क्रेडिट कार्ड पेमेंट करना आसान होता है और एक बड़े अमाउंट में कैशबैक और रिवार्ड्स मिलते हैं। हालांकि, कई बार इस सुविधा के चक्कर में लोग जरूरत से ज्यादा खर्च कर देते हैं। जब बिल सामने आता है तो उसका बोझ सिर दर्द बन जाता है। पूरी खबर पढ़िए...