मायावती हाल के वर्षों में राजनीतिक रूप से बहुत सक्रिय नहीं रही हैं लेकिन गुरुवार को लखनऊ में रैली कर जो कुछ भी कहा, उसके कई मायने निकाले जा रहे हैं.